एसआरएन अस्पताल में नहीं मिल रहा आरओ का ठंडा पानी
एसआरएन हॉस्पिटल में पीने के ठंडे पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। जबकि कुंभ के दौरान अस्पताल में 30 वाटर कूलर लगने के लिए आए थे।
प्रयागराज, जेएनएन। स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में कागजों पर वाटर कूलर तो लगा दिया गया है। हालांकि हकीकत में पेयजल की किल्लत अब भी बनी हुई है। यही कारण है कि अस्पताल में डॉक्टर खुद पीने के लिए बाहर से बोतल वाला पानी खरीदकर मंगाते हैं और मरीज व तीमारदार दूषित पानी पीने को विवश हैं।
आधी गर्मी बीतने पर भी ठंडे पानी की व्यवस्था नहीं
कुंभ के दौरान स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल को 30 वाटर कूलर व आरओ मशीन दिए गए थे। अब तक आधी गर्मी बीत गई और अस्पताल में ठंडा व शुद्ध पेयजल कहां पर मिलेगा इसका पता नहीं। तीन पुराने वाटर कूलर ट्रामा सेंटर में लगे हैं लेकिन उसे चालू नहीं किया गया है। प्रमुख अधीक्षक कार्यालय के पीछे व अन्य जगहों पर भी वाटर कूलर लगाए गए हैं लेकिन वह पानी पीने योग्य नहीं है।
मरीजों व तीमारदारों ने कहा, व्यवस्था ठीक नहीं
दैनिक जागरण के 14 मई के अंक में इस संबंध में प्रमुखता से खबर भी प्रकाशित की थी। इसके बाद जो वाटर कूलर ताले में कैद करके रखे गए थे उसे वहां से हटा दिया गया है। मीरजापुर की फूलकुमारी कहती हैं कि अस्पताल में पेयजल की व्यवस्था ठीक नहीं है। सीतामढ़ी की रहने वाली मुन्नी का कहना है कि अब यही पानी पीना मजबूरी है। शिकायत भी किससे करें। मंसूराबाद के मक्खन लाल व चित्रकूट के रहने वाले लवकुश कहते हैं कि यदि यह पानी नहीं पिएंगे तो और कोई विकल्प भी नहीं है।
कहते हैं एसआरएन अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक
एसआरएन अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. एके श्रीवास्तव का कहना है कि जो वाटर कूलर नहीं लगे थे वह लगवाए जा रहे हैं। कुछ जगहों पर वाटर कूलर का कनेक्शन नहीं हो पाया है। जल्द ही ठीक करा दिया जाएगा।
पीआरओ ने कहा, व्यवस्था बनेगी तो लगाई जाएगी
कुंभ के दौरान मिले वाटर कूलर समेत अन्य सामान पीआरओ सौरभ दुबे की देखरेख में रखा गया है। सौरभ कहते हैं कि वाटर कूलर व आरओ मशीन लगवाई गई थी लेकिन लोग उसे क्षतिग्रस्त कर देते हैं, इसलिए कई जगह से हटवा दिया गया है। बाद में व्यवस्था बनेगी तो लगाई जाएगी।
आधी गर्मी बीतने पर भी ठंडे पानी की व्यवस्था नहीं
कुंभ के दौरान स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल को 30 वाटर कूलर व आरओ मशीन दिए गए थे। अब तक आधी गर्मी बीत गई और अस्पताल में ठंडा व शुद्ध पेयजल कहां पर मिलेगा इसका पता नहीं। तीन पुराने वाटर कूलर ट्रामा सेंटर में लगे हैं लेकिन उसे चालू नहीं किया गया है। प्रमुख अधीक्षक कार्यालय के पीछे व अन्य जगहों पर भी वाटर कूलर लगाए गए हैं लेकिन वह पानी पीने योग्य नहीं है।
मरीजों व तीमारदारों ने कहा, व्यवस्था ठीक नहीं
दैनिक जागरण के 14 मई के अंक में इस संबंध में प्रमुखता से खबर भी प्रकाशित की थी। इसके बाद जो वाटर कूलर ताले में कैद करके रखे गए थे उसे वहां से हटा दिया गया है। मीरजापुर की फूलकुमारी कहती हैं कि अस्पताल में पेयजल की व्यवस्था ठीक नहीं है। सीतामढ़ी की रहने वाली मुन्नी का कहना है कि अब यही पानी पीना मजबूरी है। शिकायत भी किससे करें। मंसूराबाद के मक्खन लाल व चित्रकूट के रहने वाले लवकुश कहते हैं कि यदि यह पानी नहीं पिएंगे तो और कोई विकल्प भी नहीं है।
कहते हैं एसआरएन अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक
एसआरएन अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. एके श्रीवास्तव का कहना है कि जो वाटर कूलर नहीं लगे थे वह लगवाए जा रहे हैं। कुछ जगहों पर वाटर कूलर का कनेक्शन नहीं हो पाया है। जल्द ही ठीक करा दिया जाएगा।
पीआरओ ने कहा, व्यवस्था बनेगी तो लगाई जाएगी
कुंभ के दौरान मिले वाटर कूलर समेत अन्य सामान पीआरओ सौरभ दुबे की देखरेख में रखा गया है। सौरभ कहते हैं कि वाटर कूलर व आरओ मशीन लगवाई गई थी लेकिन लोग उसे क्षतिग्रस्त कर देते हैं, इसलिए कई जगह से हटवा दिया गया है। बाद में व्यवस्था बनेगी तो लगाई जाएगी।
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