सांसद पप्पू यादव का सरेंडर, चार घंटे की न्यायिक हिरासत के बाद मिली जमानत

बिहार के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्‍पू यादव पर 25 साल से मुकदमा चल रहा है। इसी क्रम में एमपी एमएलए कोर्ट में सांसद ने आत्‍मसमर्पण किया। न्‍यायिक हिरासत में लेने के बाद कोर्ट ने जमानत दी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 19 Mar 2019 01:15 PM (IST) Updated:Tue, 19 Mar 2019 01:15 PM (IST)
सांसद पप्पू यादव का सरेंडर, चार घंटे की न्यायिक हिरासत के बाद मिली जमानत
सांसद पप्पू यादव का सरेंडर, चार घंटे की न्यायिक हिरासत के बाद मिली जमानत

प्रयागराज : पुलिस से बदसलूकी के 25 साल पुराने मुकदमे में बिहार के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया। सरेंडर अर्जी पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश पवन तिवारी ने उन्हें हिरासत में ले लिया। जमानत और मुचलका पेश करने पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया। वह चार घंटे तक न्यायिक हिरासत में रहे।

पप्पू यादव समेत 70 लोगों के खिलाफ दर्ज कराई थी रिपोर्ट

मामला गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद थाने से संबंधित है। आठ नवंबर 1993 को तत्कालीन थानाध्यक्ष वीएन शर्मा ने पप्पू यादव समेत 70 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप है कि बिहार के तत्कालीन विधायक पप्पू यादव 19 गाडिय़ों और 70 समर्थकों के साथ उत्तर प्रदेश आ रहे थे। प्रदेश में उस वक्त चुनाव हो रहा था। चुनाव में विरोधी राजनैतिक दलों की सभाओं में गड़बड़ी का मकसद था। सूचना मिलने पर थानाध्यक्ष ने रास्ते में सभी को रोक लिया और चेकिंग में पांच रिवाल्वर, कारतूस बरामद की। यह भी आरोप है कि जांच करने पर पप्पू और उनके समर्थकों ने पुलिस से धक्कामुक्की करते हुए बदसलूकी भी की थी।

विवेचना के बाद पुलिस ने कोर्ट में पेश किया आरोप पत्र

पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया। मुकदमा गाजीपुर न्यायालय में शुरू हुआ तो पप्पू यादव को जमानत मिल गई। इसके बाद वह कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। इसी बीच पत्रावली एमपी एमएलए कोर्ट आ गई। न्यायाधीश ने पत्रावली का अवलोकन किया तो पाया कि मुकदमा 25 साल पुराना है। इस पर पप्पू यादव समेत अन्य के खिलाफ गैरजमानती वारंट और कुर्की की नोटिस जारी की गई। इसी क्रम में सोमवार को उन्होंने कोर्ट में सरेंडर किया।

पप्पू ने कहा, अब हमेशा हाजिर रहेंगे

अभियुक्त सांसद पप्पू यादव ने अपनी जमानत अर्जी में कोर्ट से वादा किया कि वह अगली सुनवाई तिथियों में हाजिर रहेंगे। साथ ही मुकदमा विचारण में सहयोग करेंगे। न्यायालय में हाजिर होने में उन्होंने जानबूझकर कोई हीलाहवाली नहीं की। कोर्ट ने पर्याप्त आधार मिलने पर जमानत पर रिहा किया।

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