मानस मर्मज्ञ मोरारी बापू की कथा प्रयागराज के अरैल तट पर आज से, गूंजेगी अक्षयवट की महिमा Prayagraj News

मानस कथा मर्मज्ञ मोरारी बापू प्रयागराज पहुंच चुके हैं। अक्षयवट और सरस्वती कूप का दर्शन करने के बाद कथा स्‍थल का अवलोकन किया। अरैल तट पर आज शाम से मानस कथा शुरू होगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 29 Feb 2020 10:23 AM (IST) Updated:Sat, 29 Feb 2020 01:35 PM (IST)
मानस मर्मज्ञ मोरारी बापू की कथा प्रयागराज के अरैल तट पर आज से, गूंजेगी अक्षयवट की महिमा Prayagraj News
मानस मर्मज्ञ मोरारी बापू की कथा प्रयागराज के अरैल तट पर आज से, गूंजेगी अक्षयवट की महिमा Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। दिव्य कुंभ-भव्य कुंभ के बाद संगम नगरी शनिवार से फिर विश्व पटल पर छा जाने को बेताब नजर आ रहा है। श्रीरामचरित मानस के मर्मज्ञ मोरारी बापू के श्रीमुख से देश और दुनिया के लोग तीर्थराज प्रयाग और यहां स्थित अक्षयवट का महात्म्य जानेंगे। श्रीराम कथा का भव्य आयोजन गंगा किनारे अरैल घाट पर होगा। कथा आठ मार्च तक नियमित रूप से होगी।

मोरारी बापू पहुंचे प्रयागराज, अक्षयवट का किया दर्शन

मोरारी बापू चार्टर प्लेन से शुक्रवार को प्रयागराज आ चुके हैं। बमरौली हवाई अड्डे पर शाम को पहुंचने के बाद महामंडलेश्वर संतोष दास 'सतुआ बाबा' और संत कृपा सनातन संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बापू सीधे अक्षयवट दर्शन के लिए गए। संगम क्षेत्र में जैसे ही पहुंचे तो उन्होंने कार में बैठे-बैठे ही देवनदी गंगा को प्रणाम किया। अक्षयवट के समीप जब कार से उतरे तो संगम की धरती पर चरण रखते ही प्रसन्नचित्त हो उठे। इसके बाद सीधे अक्षयवट की ओर बढ़ गए। अक्षयवट का दर्शन कर खुद को धन्य बताया। फिर श्रीरामचरितमानस पोथी को वहीं रखकर गंगा जल अर्पित किया। कुछ देर बापू वहीं बैठ गए इसके बाद सरस्वती कूप देखने की इच्छा जताई तो साथ में मौजूद लोग उन्हें वहां ले गए। करीब आधे घंटे तक दोनों प्राचीन स्थलों पर बिताने के बाद बापू का काफिला अरैल (नैनी) में कथा आयोजन स्थल की ओर रवाना हो गया।

कथा स्थल का किया अवलोकन

मोरारी बापू अरैल स्थित कथा स्थल पर पहुंचे और वहां का अवलोकन किया। इसके बाद हाउस बोट 'कैलास' में विश्राम करने के लिए रवाना हो गए। बापू आठ मार्च तक इसी बोट में रहेंगे।

किला घाट पर लगी रहेंगी नाव

श्रीराम कथा पहले दिन शनिवार को शाम चार बजे से होगी। भक्तों को कथा स्थल तक पहुंचाने के लिए किला घाट पर नाव की व्यवस्था भी की गई है। जो भक्तों को निश्शुल्क कथा स्थल तक पहुंचाएंगी। नाव निश्शुल्क होने की जानकारी मीडिया प्रभारी नितिन आमटे ने दी है।

कथा का समय

शनिवार शाम चार से सात बजे तक

रविवार से, सुबह 9.30 से डेढ़ बजे तक।

तैयारी हुई पूरी, आने लगे श्रद्धालु

संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से मोरारी बापू की श्री रामकथा के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से कथा स्थल और उसके आसपास भी सीसीटीवी कैमरे सक्रिय कर दिए गए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने सुरक्षा का जायजा लिया। प्रकाश व्यवस्था, भोजन भंडारा, रसोई, बाहर से आए श्रोताओं के रहने के लिए कॉटेज व गाडिय़ों की पार्किंग के इंतजाम भी अंतिम रूप से कर दिए गए। कथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं का आना शुक्रवार को सुबह से शाम तक हुआ। आस्ट्रेलिया, जर्मनी, कुवैत, न्यूजीलैंड, मस्कट तक से मोरारी बापू के अनुयायी आए हैं। इनके अलावा राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, दिल्ली, मध्य प्रदेश आदि राज्यों से भी बड़ी संख्या में लोग आए हैं। इनमें कुछ लोग अपनी व्यवस्था से नौ दिनों तक प्रयागराज में रहेंगे। 

इन्होंने किया स्वागत

संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से मुख्य यजमान मदन पालीवॉल, मंत्रराज पालीवॉल, रविंद्र जोशी, रुपेश व्यास, विकास पुरोहित, प्रकाश पुरोहित ने हवाई अड्डे पर मोरारी बापू का स्वागत अभिनंदन किया।

एक मार्च को आएंगे डॉ कुमार विश्वास

काव्य पाठ को मंच पर अलग ही पहचान देने वाले डॉ कुमार विश्वास भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। उन्हें एक मार्च को आना है।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रहेगी धूम

श्रीराम कथा के अलावा आयोजन में अलग-अलग दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। इसके लिए भी कलाकार बाहर के जिलों से बुलाए जा रहे हैं। 

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