सात साल से एपीएस भर्ती का इंतजार कर रहे प्रतियोगी छात्र, उप्र लोकसेवा आयोग अध्यक्ष को दिया ज्ञापन

उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने 2015 के बाद एपीएस यानी अपर निजी सचिव पद की भर्ती नहीं निकाली है। आयोग को शासन से भर्ती का अधियाचन भी मिल चुका है। दो बार भर्ती की परीक्षा भी कैलेंडर में प्रस्तावित हुई लेकिन आयोग ने विज्ञापन नहीं निकाला।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Fri, 21 May 2021 10:16 PM (IST) Updated:Sat, 22 May 2021 09:38 AM (IST)
सात साल से एपीएस भर्ती का इंतजार कर रहे प्रतियोगी छात्र, उप्र लोकसेवा आयोग अध्यक्ष को दिया ज्ञापन
प्रतियोगियों ने कहा कि जल्द भर्ती न निकली तो उनकी आयुसीमा खत्म हो जाएगी।

प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने 2015 के बाद एपीएस यानी अपर निजी सचिव पद की भर्ती नहीं निकाली है। आयोग को शासन से भर्ती का अधियाचन भी मिल चुका है। दो बार भर्ती की परीक्षा भी कैलेंडर में प्रस्तावित हुई लेकिन, आयोग ने विज्ञापन नहीं निकाला। इस पर प्रतियोगियों का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को आयोग अध्यक्ष संजय श्रीनेत से मिला। उन्हें ज्ञापन देकर एपीएस की भर्ती जल्द निकालने की मांग की। प्रतियोगियों ने कहा कि जल्द भर्ती न निकली तो उनकी आयुसीमा खत्म हो जाएगी।

बेरोजगारी से जूझ रहे मेधावी छात्राओं के साथ अन्याय

प्रतियोगी दीपक कुशवाहा का कहना है कि लोकसेवा आयोग ने अपने परीक्षा कैलेंडर में 2017, उसके बाद 10 जून 2018 को एपीएस भर्ती प्रस्तावित की थी लेकिन, विज्ञापन न निकलने के कारण भर्ती परीक्षा नहीं कराई जा सकी। प्रतियोगियों का दावा है कि इधर, आयोग को 250 पद की भर्ती का अधियाचन मिल चुका है, परंतु विज्ञापन निकालने की कार्रवाई अभी तक शुरू नहीं हुई। उमेश पांडेय, आशीष कुशवाहा, शैलेश पांडेय, विमल पाल ने कहा कि विज्ञापन बनकर तैयार है। इसके बावजूद उसे जारी न करके बेरोजगार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। कई सालों से एपीएस भर्ती को टाला जा रहा है जो बेरोजगारी से जूझ रहे मेधावी छात्राओं के साथ अन्याय है।

chat bot
आपका साथी