Magh Mela 2021 : कल्पवासियों को कर रहे हैं फोन, कोरोना वायरस के संक्रमण की रिपोर्ट लेकर आना Prayagraj News

ऐसे में अब हर कल्पवासी को फोन करके सूचित कर रहे हैं कि वह अपने आसपास से कोरोना की जांच करा कर आये। इस बार बच्चों और बुजुर्गों को न लाने की भी हिदायत दी जा रही है। यहां पर यूपी एमपी बिहार उत्तराखंड आदि राज्यों से कल्पवासी आते हैं।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Thu, 31 Dec 2020 12:28 PM (IST) Updated:Thu, 31 Dec 2020 12:28 PM (IST)
Magh Mela 2021 : कल्पवासियों को कर रहे हैं फोन, कोरोना वायरस के संक्रमण की रिपोर्ट लेकर आना Prayagraj News
हर श्रद्धालु अपने घर के नजदीक की लैब से कोरोना की जांच करा कर ही माघ मेले में आए।

प्रयागराज,जेएनएन। माघ मेले में बिना कोरोना जांच रिपोर्ट के इंट्री नहीं मिलेगी। यहां आने वाले हर श्रद्धालु को कोरोना की जांच रिपोर्ट दिखानी होगी। इसलिए हर श्रद्धालु अपने घर के नजदीक की लैब से कोरोना की जांच करा कर आए। इसके लिए प्रयागवाल सभा के तीर्थ पुरोहित कल्पवासियों को फोन करके बता रहे हैं।

माघ मेला में अधिकतर कल्पवासी प्रयागवालों के शिविर में रहते हैं। प्रयागवाल सभा को माघ मेला में करीब 700 बीघा जमीन आवंटित होती है। तीन जनवरी को उनको जमीन आवंटित की जाएगी। इस जमीन पर 800 से अधिक तीर्थ पुरोहित कैंप लगाते हैं। इनके कैंपों में हजारों लोग कल्पवास करते हैं। कल्पवास करने के लिए कई राज्यों से लोग यहां पर आते हैं। उनके आने का सिलसिला मकर संक्रांति से शुरू हो जाएगा। वैसे कल्पवास पौष पूर्णिमा से शुरू होगा। तीर्थ पुरोहितों के यहां कल्पवास करने वाले लोग इनके यजमान होते हैं। जो पीढ़ी दर पीढ़ी इन्हीं के टेंटों में कल्पवास करते आ रहे हैं। इस बार कोरोना के चलते स्थितियां काफी बदली हुई है। इसलिए प्रयागवाल सभा के तीर्थ पुरोहित अपने आने वाले कल्पवासियों को फोन करके बता रहे हैं कि वह अपनी कोरोना जांच आसपास ही करवा लें और रिपोर्ट लेकर ही यहां आए। इसको लेकर पिछले दिनों प्रयागवाल सभा की बैठक भी हुई है। प्रयागवाल सभा के महामंत्री राजेंद्र पालीवाल ने बताया कि मेला प्रशासन के निर्देशानुसार हमें हर कल्पवासी का पूरा विवरण उन्हें मुहैया कराना है। मेला प्रशासन ने इसके लिए एक फॉर्मेट भी जारी कर दिया है। ऐसे में अब हर कल्पवासी को फोन करके सूचित कर रहे हैं कि वह अपने आसपास से कोरोना की जांच करा कर आये। इस बार बच्चों और बुजुर्गों को न लाने की भी हिदायत दी जा रही है। यहां पर यूपी, एमपी, बिहार, उत्तराखंड आदि राज्यों से कल्पवासी आते हैं।

chat bot
आपका साथी