निजी विश्वविद्यालयों के लिए बनेगा कानून

इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह में शामिल होने के लिए रविवार को प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा शहर में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि निजी विवि के लिए कानून बनाया जाएगा। शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Jun 2018 06:03 AM (IST) Updated:Mon, 18 Jun 2018 06:03 AM (IST)
निजी विश्वविद्यालयों के लिए बनेगा कानून
निजी विश्वविद्यालयों के लिए बनेगा कानून

जासं, इलाहाबाद : इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि सरकार किसी भी स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं करना चाहती। इसके लिए निजी विश्वविद्यालयों के लिए जल्द कानून आएगा। इसकी तैयारी चल रही है। विश्वविद्यालयों में क्वालिटी एजुकेशन हो, कैंपस प्लेसमेंट हो इसका प्रयास किया जा रहा है। शिक्षकों का डाटाबेस सरकार तैयार कर रही है। इसमें उनके द्वारा किए गए शोध, लेक्चर, योग्यता, किताबें, शोध पत्र आदि का विवरण होगा। काम के आधार पर शिक्षकों के प्रमोशन आदि भी होंगे।

डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि वह स्वस्थ प्रतिस्पर्धा चाहते हैं। शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। कहा कि काम करने वाले को सम्मान देना उनकी प्राथमिकता में है। बताया कि कई लोग जो उनके खास हैं उन्होंने उनकी भी सिफारिशों को नहीं माना। यदि वही अधिकारियों से गलत काम करने को कहेंगे तो अधिकारियों से अच्छे काम की उम्मीद नहीं की जा सकती। अधिकारियों को बदलने की जरूरत नहीं है, बल्कि उनकी मानसिकता में बदलाव लाने की जरूरत है। बहुत से पुराने अधिकारियों ने उन्हें अच्छा काम करके दिखाया है। डिप्टी सीएम ने कहा कि शिक्षा का भला तभी हो सकता है जब शिक्षक सुखी हो। प्रदेश के शिक्षक अपनी समस्याओं से 30 जून तक निदेशक उच्च शिक्षा को अवगत करवा दें। सरकार एक से 15 जुलाई तक उनकी सभी समस्याओं के समाधान की कोशिश करेगी।

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शैक्षिक पंचांग के अनुसार होगी सालभर पढ़ाई

दिनेश शर्मा ने कहा कि शैक्षिक पंचांग तैयार कर लिया गया है। जिसके मुताबिक पांच जुलाई से विश्वविद्यालय खुल जाएंगे। 10 जुलाई से यूजी की व 16 जुलाई से पीजी की कक्षाएं शुरू कर दी जाएंगी। उन्होंने सभी महाविद्यालयों के पाठ्यक्रम में 70 फीसद तक समानता लाने की बात की। थोड़े बहुत अंतर के साथ छात्रों को स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ पढ़ाई कराई जाए। उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों को दीक्षांत समारोह सितंबर से अक्टूबर के बीच कराए जाने का आदेश दिया।

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शिक्षकों के शीतकालीन अवकाश में कटौती

प्रदेश सरकार ने शिक्षकों के शीतकालीन अवकाश में कटौती कर दी है। यह जानकारी प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने राज्य विश्वविद्यालय में दी। उन्होंने कहा कि शीतकालीन अवकाश अब 25 दिसंबर से एक जनवरी तक होगा। उन्होंने सभी शिक्षकों से अपनी व्यक्तिगत समस्याएं 30 जून तक उच्च शिक्षा मंत्री को अपने प्राचार्य या कुलपति से फारवर्ड करवाकर भिजवाने को कहा। आश्वासन दिया कि शिक्षकों की गैरनीतिगत मांगों पर तत्काल निर्णय लिया जाएगा। अन्य समस्याएं भी समय के साथ दूर होंगी।

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नवंबर 2018 तक बनकर तैयार हो जाएगा भवन

उच्च शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने यूपीएसआइडीसी के अधिकारियों से पूछा कि भवन कब तक बनकर तैयार हो जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि चार मंजिला यह भवन जोकि छात्रों के अध्ययन के लिए होगा, नवंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आप काम तेजी से करो धन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।

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सऊदी अरब में बैठकर अलीगढ़ में परीक्षा नहीं चलेगी

डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि किसी भी देश की प्रगति इस बात पर निर्भर करती है कि वहां शिक्षित लोगों की संख्या कितनी है। यह अच्छे शिक्षक, शिक्षण और नकलविहीन परीक्षा से ही संभव है। उन्होंने नकल विहीन परीक्षाओं पर जोर देते हुए कहा कि लोग सऊदी अरब में बैठकर अलीगढ़ में परीक्षा देते थे। अब यह नहीं चलेगा। नकल के छह प्रकार गिनाते हुए कहा कि परीक्षाओं में नकल पर रोक सरकार की प्राथमिकता है। सरकार शिक्षा को शासन और प्रशासन के दबाव से मुक्त रखना चाहती है। उनकी कोशिश शिक्षकों और छात्रों के दम पर बदलाव लाने की है। आगे भी परीक्षा केंद्र वही विद्यालय व महाविद्यालय बनेंगे जहां बायोमीट्रिक मशीन व सीसीटीवी लगा होगा।

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एक साल में बनाए 200 मॉडल स्कूल

प्रदेश सरकार ने एक साल में 200 दीनदयाल उपाध्याय माध्यमिक मॉडल माध्यमिक विद्यालय बनाकर शिक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को साबित किया है। इनमें से 42 माध्यमिक विद्यालय अल्पसंख्यक क्षेत्रों में हैं। उन्होंने कहा कि हमने 15 जून तक सभी विश्वविद्यालयों से परीक्षा परिणाम घोषित करने का आह्वान किया था। मुझे इस बात का फर्क है कि इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय ने 100 फीसद परीक्षा परिणाम दे दिया है। बाकी विश्वविद्यालयों ने भी 95 फीसद तक परिणाम घोषित कर दिया है। उन्होंने प्रयाग की पौराणिकता व ऐतिहासिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे चाहते हैं कि विश्वविद्यालय फिर से शिक्षा का हब बने।

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