कुंभ में पांच हजार विदेशी युवा करेंगे कल्पवास, 50 विश्वविद्यालयों से सहमति

रेती पर धूनी रमाए नागा संन्यासियों की अद्भुत तपस्या, अखाड़ों की पेशवाई, उनका शाही स्नान, संतों का प्रवचन, कड़ाके की ठंड में सुख-सुविधा से परे रहकर कल्पवासियों के जप-तप के रहस्य को हर कोई जानना चाहता है।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Sun, 01 Apr 2018 06:59 PM (IST) Updated:Sun, 01 Apr 2018 07:03 PM (IST)
कुंभ में पांच हजार विदेशी युवा करेंगे कल्पवास, 50 विश्वविद्यालयों से सहमति
कुंभ में पांच हजार विदेशी युवा करेंगे कल्पवास, 50 विश्वविद्यालयों से सहमति

इलाहाबाद (शरद द्विवेदी)। प्रयाग में संगम तट पर लगने वाले कुंभ मेला का वैभव सदियों से पूरी दुनिया को आकर्षित करता रहा है। रेती पर धूनी रमाए नागा संन्यासियों की अद्भुत तपस्या, अखाड़ों की पेशवाई, उनका शाही स्नान, संतों का प्रवचन, कड़ाके की ठंड में सुख-सुविधा से परे रहकर कल्पवासियों के जप-तप के रहस्य को हर कोई जानना चाहता है। कुछ ऐसी ही खोज करने विदेशी युवाओं का जत्था प्रयाग आएगा। दस देशों के अलग-अलग विश्वविद्यालयों के पांच हजार छात्रों ने प्रयाग आने की इच्छा व्यक्त की है। वे योगगुरु स्वामी आनंद गिरि के सानिध्य में रहकर कुंभ में होने वाले कल्पवास, भजन-पूजन व धार्मिक अनुष्ठानों पर शोध करेंगे।  

प्रवासियों को संस्कृति से जोड़ने का प्रयास

विदेशी युवाओं व प्रवासी भारतीयों को भारतीय संस्कृति से जोडऩे के लिए योगगुरु स्वामी आनंद गिरि लंबे समय से प्रयासरत हैं। वह उन्हें कुंभ का हिस्सा बनाने के लिए दो अप्रैल को आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी, चीन व सिंगापुर की यात्रा पर जा रहे हैं। वहां 15 विश्वविद्यालयों में योग शिविर लगाकर युवाओं को योग के फायदे बताएंगे। वहीं व्याख्यान के जरिये वेद, पुराण के साथ कुंभ के धार्मिक व वैज्ञानिक महत्व से लोगों को जोड़ेंगे। ब्रिटिश संसद से 2016 में अंतरराष्ट्रीय योगगुरु का सम्मान हासिल कर चुके आनंद गिरि कहते हैं कि योग, ध्यान, वैदिक ज्ञान विज्ञान से काफी श्रेष्ठ है, जिसे दुनिया मानने लगी है। इसका प्रमाण है कि अमेरिका, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, फिजी, चीन, न्यूजीलैंड, श्रीलंका, केन्या आदि देशों के 50 विश्वविद्यालयों ने मुझसे अपने पांच हजार से अधिक विद्यार्थियों को प्रयाग भेजने की इच्छा व्यक्त की है। 

कल्पवासी की भांति रहेंगे

विदेश से आने वाले लोग संगम तट पर लगने वाले गंगा सेना शिविर में कल्पवासी की भांति रहेंगे। कल्पवासियों की तरह भजन, पूजन, संगम स्नान व अनुष्ठान करेंगे। स्वामी आनंद गिरि विदेश यात्रा में वहां के लोगों को योग का प्रशिक्षण देंगे। उन्हें 21 जून को होने वाले विश्व योग दिवस पर ज्यादा से ज्यादा सहभागिता करने को प्रेरित करेंगे। 

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