ठंड में बथुआ की कचौड़ी और साग में जायका संग पौष्टिकता भी भरपूर Prayagraj News
बथुआ खाने में जितना स्वादिष्ट होता है उतना ही यह स्वास्थ्यवर्धक साग है। इसमें तमाम विटामीन पाए जाते हैं। यह कई रोगों के लिए लाभकारी है। सबसे अधिक पेट संबंधी बीमारियों के यहां फायदेमंद होता है। ठंड के मौसम में जहां इसकी मांग काफी बढ़ जाती है।
प्रयागराज, [राजेंद्र यादव]। ठंड का मौसम और इसमें अगर बथुआ की कचौड़ी और साग मिल जाए तो अच्छे-अच्छे के मुंह में पानी आ जाए। यह ऐसा साग है जो ठंड के मौसम में हर घर में बनता है। इसमें खाने में जितना स्वादिष्ट होता है, उतना ही यह स्वास्थ्यवर्धक साग है। इसमें तमाम विटामीन पाए जाते हैं। यह कई रोगों के लिए लाभकारी है। सबसे अधिक पेट संबंधी बीमारियों के यहां फायदेमंद होता है। ठंड के मौसम में जहां इसकी मांग काफी बढ़ जाती है। हर सब्जी की दुकान में यह नजर आता है।
आलू के खेत के साथ ही होती है बुआई
बथुआ की खेती की जाती है। हालांकि, यह आलू के खेत में भी निकल आते हैं। आलू की खेती करने वाले किसान इसे बाेते नहीं है, लेकिन ऐसा मानना है कि एक साल पुराने बीज जो इन खेतों में पड़े होते हैं, वही स्वत: उग आते हैं।
पांच रुपये में मिलता है एक गट्टी
बथुआ अधिक कीमत में नहीं बिकता है। मात्र पांच रुपये में एक गट्टी बथुआ मिल जाता है। थोड़ा मोलभाव करने पर दस रुपये के तीन और चार गट्टी भी बथुआ मिल जाते हैं। हालांकि, जिस बथुआ में बीज नहीं लगा होता, उसका दाम भी कम नहीं होता है।
क्या-क्या बनाया जा सकता है
बथुआ की कचौड़ी और साग के अलावा और कई चीज बनाई जा सकती है। बथुआ अरहर की दाल में डाल सकते हैं। सब्जी बना सकते हैं। बथुआ की पकौड़ी और पराठा भी बनाकर टमाटर व हरी धनिया की चटनी के साथ खाया जा सकता है।
किन बीमारियाें में है फायदेमंद
-दांत में दर्द हो रहा हो तो बथुआ के बीज का चूर्ण बनाकर दांतों पर रगड़ें।
-मसूड़ों में सूजन आने पर पत्तों को उबालकर पीस लें। सूजन वाली जगह पर लगाने से फायदा होता है।
-सब्जी खाने से खांसी में आराम मिलता है।
-रस पीने से पेट से कीड़े निकल जाते हैं।
- कब्ज की समस्या दूर होती है।
- ल्यूकोरिया में भी लाभ मिलता है।
-जोड़ाें के दर्द में भी बथुआ फायदेमंद होता है।