सीबीआई को सौंपी गई बैंक आफ इंडिया घोटाले की जांच, यूपी सरकार ने हाई कोर्ट को दी जानकारी

बैंक आफ इंडिया शाखा सुलेमसराय प्रयागराज की करेंसी चेस्ट से सवा चार करोड़ के घोटाले की जांच सीबीआई की क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 26 Feb 2020 05:27 PM (IST) Updated:Wed, 26 Feb 2020 05:28 PM (IST)
सीबीआई को सौंपी गई बैंक आफ इंडिया घोटाले की जांच, यूपी सरकार ने हाई कोर्ट को दी जानकारी
सीबीआई को सौंपी गई बैंक आफ इंडिया घोटाले की जांच, यूपी सरकार ने हाई कोर्ट को दी जानकारी

प्रयागराज, जेएनएन। बैंक आफ इंडिया, शाखा सुलेमसराय, प्रयागराज की करेंसी चेस्ट से सवा चार करोड़ के घोटाले की जांच सीबीआई की क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। तीन करोड़ से अधिक के घोटाले की जांच सीबीआई से कराने के आरबीआई के एक जुलाई, 2016 को जारी सर्कुलर के आधार पर यह संस्तुति की गई है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर यह जानकारी दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में विचार कर निर्णय लेने का निर्देश दिया था।

बैंक आफ इंडिया के शाखा प्रबंधक विवेक कुमार गुप्ता की याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने की। अपर मुख्य सचिव गृह के हलफनामे के बाद याचिका निस्तारित कर दी गई है।

याची अधिवक्ता मनोज वशिष्ठ का कहना था कि आरबीआई की गाइडलाइन के विपरीत घोटाले की जांच धूमनगंज पुलिस द्वारा करायी जा रही है। याचिका में जांच सीबीआई से कराने की मांग की गयी थी। घोटाले में करेंसी चेस्ट अधिकारी वशिष्ठ कुमार राम, एसके मिश्र, संजू मिश्र आदि के खिलाफ तीन जुलाई 2019 को धूमनगंज थाने में एफआईआर दर्ज करायी गई है। अब इस घोटाले की जांच सीबीआई जांच होगी।

बता दें कि प्रयागराज में बैंक ऑफ इंडिया की सुलेमसराय, धूमनगंज शाखा के करेंसी चेस्ट से 4.25 करोड़ रुपये के गबन का मामला बैंक की आडिट रिपोर्ट में तीन जुलाई 2019 को पकड़ा गया था। तब शाखा प्रबंधक ने धूमनगंज थाने में करेंसी चेस्ट प्रभारी वशिष्ठ कुमार राम के अलावा निजी व्यक्ति संजीव मिश्रा व एसके मिश्रा के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी।

प्रयागराज पुलिस जब मामले की जांच कर रही थी, उसी दौरान आरोपित वशिष्ठ कुमार राम ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। उसे पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की गई थी, लेकिन कोई बरामदगी नहीं हो सकती थी। नवंबर 2019 में पुलिस ने वशिष्ठ कुमार राम के खिलाफ आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया था।

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