Kumbh mela 2019 : टेंट सिटी इंद्रप्रस्थम तैयार, अब खास मेहमानों का इंतजार

कुंभ मेला में खास मेहमानों के लिए तैयार टेंट सिटी इंद्रप्रस्थम हर मामले में खास है। यहां फाइव स्‍टॉर होटल जैसी सब सुविधा मिलेगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 20 Jan 2019 05:15 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jan 2019 05:15 PM (IST)
Kumbh mela 2019 : टेंट सिटी इंद्रप्रस्थम तैयार, अब खास मेहमानों का इंतजार
Kumbh mela 2019 : टेंट सिटी इंद्रप्रस्थम तैयार, अब खास मेहमानों का इंतजार

ज्ञानेंद्र सिंह, कुंभनगर : जैसा नाम वैसी ही भव्यता। देवराज इंद्र की राजधानी की भव्यता कल्पना के आधार पर संगम तट पर आकार ले रही है। कुंभ में खास मेहमानों के लिए बसाई गई लग्जरी स्विस कॉटेज की इंद्रप्रस्थम टेंट सिटी देखते ही बनती है। इसमें देवराज इंद्र की राजधानी इंद्रप्रस्थ की पूरी भव्यता देखने को मिल रही है।

इंद्रप्रस्थम की यह है खासियत

टेंट सिटी इंद्रप्रस्थम का मॉडल राजा ईल के किले से लिया गया है, जो प्रयागराज में बनाया गया था। राजा ईल के किले के समान ही इस मुख्य प्रवेश द्वार को विशाल और भव्य रूप दिया गया है। इस द्वार पर समुद्रमंथन को प्रदर्शित किया गया है। लगभग 400 फीट चौड़े और 100 फीट ऊंचे इस प्रवेश द्वार के रंगों और चित्रों पर एलईडी लाइट का इफेक्ट दिख रहा है, जो राजसी ठाठ को भी मात दे रहा। इसी कॉलोनी में 24 जनवरी को 30 देशों के लगभग ढाई हजार प्रवासी भारतीय प्रवास करेंगे।

फाइव स्टार होटल सी लग्जरी सुविधा

मेलाधिकारी विजय किरन आनंद बताते हैं कि कुंभ का वैभव देखने आ रहे प्रवासी भारतीयों के लिए इंद्रप्रस्थम कॉलोनी खास तौर पर बसाई गई है। टेंट सिटी कई मायनों में फाइव स्टार होटल्स को भी मात देती नजर आ रही है। खास बात यह है कि महज दो महीनों के लिए बसाई गई इस कॉलोनी को दो माह में ही तैयार किया गया है। इसे थ्रीपी मॉडल पर तैयार किया गया है। यह कुंभ का सबसे बड़ा अस्थायी प्रोजेक्ट है।

55 एकड़ में 75 करोड़ रुपये की लागत से तैयार

लगभग 55 एकड़ में 75 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस कॉलोनी का निर्माण नवंबर में शुरू हुआ। 10 जनवरी को सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसका लोकार्पण किया था। इस अस्थायी एनआरआइ टेंट सिटी को देख कर भव्य कुंभ दिव्य कुंभ की कल्पना साकार होने लगती है।

12 सौ लग्जरी स्विस कॉटेज तैयार हैं

प्रवासी और उच्च वर्ग के लिए यहां 12 सौ लग्जरी स्विस कॉटेज तैयार किए गए हैं, जिनमें लगभग पांच हजार लोगों को ठहराया जा सकता है। औसतन यहां एक कॉटेज की लागत 5.5 लाख रुपये से ज्यादा बताई जा रही है। इस एनआरआइ कॉलोनी में तीन श्रेणी के कॉटेज बनाए गए हैं, जिन्हें अत्रि, अंगिरासा और गौतम कॉटेज नाम दिया गया है। अत्रि डीलक्स रूम 336 स्क्वायर फीट में बना है, जिसमें एक डबल बेड, एक टेबल, दो ङ्क्षसगल सोफा, अटैच बाथरूम लांड्री के साथ नाश्ते और खाने की व्यवस्था है। इसका 24 घंटे का किराया लगभग 14 हजार रुपये है। अंगिरासा सुपर डीलक्स 448 स्क्वायर फीट में बना है। इस कॉटेज में डीलक्स रूम की सुविधाओं के साथ गीजर, माइक्रोवेव, स्टडी टेबल के साथ सोफा सेट की व्यवस्था है। इसका एक दिन का किराया लगभग 19 हजार रुपये है। गौतमा विला लग्जरी स्विस कॉटेज है।

35 हजार रुपये प्रतिदिन का किराया भी

दो बेडरूम वाले फ्लैट के समकक्ष 900 वर्ग फीट में डिजाइन इस कॉटेज में दो बेडरूम, एक ड्राइंगरूम के साथ डायनिंग एरिया भी है। अन्य सुविधाओं के साथ एलईडी टीवी भी है। इसका लगभग 35 हजार रुपये प्रतिदिन का किराया तय किया गया है।

प्रयाग भी थी राजा ईल की राजधानी

राजा ईल के बारे में अभी प्रयागराज मेला प्राधिकरण काफी कुछ पता लगा रहा है। वैसे अब तक जो जानकारी मिल सकी है उसके मुताबिक महाराष्ट्र में अचलपुर से 7वीं सदी का एक ताभ्रपट्ट प्राप्त हुआ था, जिसमें राजा ईल का वर्णन है। कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि बैतूल गजेटियर के अनुसार राजा ईल की कई वर्षों तक प्रयाग भी राजधानी थी। इसलिए उन्होंने यहां भी किला बनवाया था। ईल यहां पर गंगा स्नान करते थे और कुंभ मेले में भी आकर दान करते थे। 

योगी-ईरान दे चुकी हैं आहूतियां

कुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर 20 अरैल में बसाई गई टेंट सिटी का नाम इंद्रप्रस्थम में आने वाले मेहमानों को यज्ञ एवं हवन की महत्ता भी बताई जा रही है। यहां पर 108 हवन कुंड बनाए गए हैं। इसमें 10 मार्च तक सोमयज्ञ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी आहुतियां दे चुकी हैं। स्वास्तिक थीम पर बनाई गई वैदिक यज्ञशालाओं में कुंभ के दौरान एक लाख 11 हजार एक सौ एक लोगों से आहूतियां दिलाने का लक्ष्य रखा गया है। यहां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच रोज सुबह हवन कराने के लिए 51 पुजारी रखे गए हैं।

 सात्विक भोजन, योगा और गंगा स्नान-ध्यान भी

इंद्रप्रस्थम कॉलोनी में प्रवेश करते ही इसकी भव्यता आपका मन मोह लेगी। प्रवेश द्वार के पास ही बनाए गए रिशेप्शन भी शानदार है। वहां काउंटर बनाए गए हैं। इस फाइव स्टार कॉलोनी में चार फाइर स्टार रेस्टोरेंट हैं, जो बालीवुड, वेदिक व सात्विक थीम पर हैं जहां सभी प्रांतों का शाकाहारी भोजन मिलेगा। कॉलोनी में ग्रीन पैसेज के अलावा फाइव स्टार योगा और मेडिटेशन सेंटर भी बनाया गया है। इस कॉलोनी के पीछे गंगा की तरफ यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए तीन स्नान घाट और यहां से गंगा नदी के जरिए मोटरबोट और वेसेल से संगम और अन्य स्थानों पर पहुंचाने के लिए एक फ्लोटिंग टर्मिनल भी बनाया गया है।

एक से दूसरे ब्‍लाक तक ले जाने को 30 ई रिक्‍शा

इसके अलावा सिटी परिसर में आवागमन के लिए 30 ई-रिक्शा रखे गए हैं जिनसे एक ब्लॉक से दूसरे ब्लाक में जा सकते हैं। टेंट सिटी में प्रवासी दिवस के दौरान वाराणसी से प्रयागराज आने वाले प्रवासी भारतीयों को ठहराया जाएगा। टेंट सिटी में रहने वाले देशी-विदेशी और एनआरआइ के लिए यहां अनुभव अभूतपूर्व हो इसके लिए सरकार कोई कोर नहीं रखना चाहती।

तंदूरी चाय और देशी घी की जलेबी भी

टेंट सिटी में देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए तंदूरी चाय और देशी घी जलेबी भी परोसी जाएगी। इसके रिशेप्शन के बगल में ही बड़ा सा स्टॉल लगाया गया है। तंदूरी चाय बेहद खास है। भ_ी में मेटिया पकाई जाती है, जिसमें पहले से बनी हुई चाय डाली जाती है। इससे मेटिया की सोंधी खुशबू चाय में आ जाती है। फिर चाय को पीतल के पात्र में डाला जाता है जिसे विशेष कुल्हड़ में दिया जाता है। चाय में मानवाड़ी मसाला डाला जाता है जिसमें सोंठ, बड़ी व छोटी इलायची, लौंग, जावित्री, जायफर व काली मिर्च का मिश्रण होता है। चाय के लिए मुरादाबाद और फैजाबाद से खास कुल्हड़ मंगाए गए हैं। यहां चाय 60 रुपये में और अस्सी रुपये में एक प्लेट जलेबी मिलती है। इसके अलावा तंदूरी केसरिया दूध सौ रुपये प्रति गिलास मिलती है।

अभेद्य सुरक्षा, चौकी-थाना और अग्निशमन केंद्र भी हैं यहां

 टेंट सिटी की सुरक्षा भी अभेद्य है। सुरक्षा के लिए कॉलोनी के चारों तरफ लोहे की जाली और बैरिकेङ्क्षडग की व्यवस्था की गई है। मेहमानों की सुरक्षा के लिए यहां 200 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। अलग से एक थाना और पांच पुलिस चौकियां बनाई गई हैं, जिनमें लगभग चार सौ सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा निगरानी के लिए आठ वॉच टावर बनाए गए हैं। गेट पर बैग चेक करने के लिए स्कैन मशीन भी लगा दी गई है। 24 जनवरी को यहां आ रहे प्रवासी भारतीयों के दल के साथ एटीएस के साथ एसटीएफ भी तैनात रहेगी। सुरक्षा के लिए स्पेशल कमांडो उनके साथ रहेंगे। यही नहीं जिन बसों वे वाराणसी से यहां आएंगे, उनमें प्रत्येक में एक मजिस्ट्रेट व एक सीओ फोर्स के साथ रहेंगे।

22 इंजीनियर और नौ सौ मैकेनिक ने किया तैयार

कुंभ में अपनी तरह का यह पहला और अब तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। इसके महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 22 इंजीनियर के साथ 900 मैकेनिक दो-दो शिफ्ट में इस फाइव स्टार कॉलोनी को तैयार किया है। जिस गंगा तट पर स्थायी टेंट सिटी बसाई गई है वहां वर्ष के छह महीने इतना पानी रहता है कि हाथी भी डूब जाए। इस टेंट सिटी चार मार्च तक पर्यटक प्रवास कर सकेंगे। महाशिवरात्रि के बाद ये भव्य टेंट सिटी संगम की रेत में ऐसे गुम हो जाएगी जैसे कभी यहां थी ही नहीं।

चार और लग्जरी सिटी

टेंट सिटी में कुंभ के दौरान प्रवास के लिए तेजी से हुई बुङ्क्षकग के चलते यहां आसपास चार और लग्जरी टेंट सिटी थ्रीपी मॉडल पर बसा दी गई। इनमें भी लगभग पांच हजार पर्यटक रुक सकेंगे। वेदिका टेंट सिटी, कुंभ विलेज की भव्यता देखते ही बनती है। खास थीम पर बनाई गई इन टेंट सिटी  के भी स्विस कॉटेज लग्जरियस हैं। इनमें भी ठहरने के लिए बुङ्क्षकग शुरू हो गई है। इसके पास ही संस्कृति ग्राम, कला ग्राम और शिल्प ग्राम बसाए गए हैं। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) का चलो मन गंगा यमुना तीर का पंडाल भी इसी क्षेत्र में है। इसके अलावा अस्थायी र्सिकट हाउस (त्रिवेणी संकुल) भी इसके पास में ही है। संगम के ठीक सामने 71 देशों के झंडा भी इसके पास में ही लहरा रहे हैं।

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