अंकों की गलाकाट प्रतिस्पर्धा में न पड़ें छात्र

भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद और राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के संयुक्त

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Jun 2018 01:15 PM (IST) Updated:Fri, 15 Jun 2018 01:15 PM (IST)
अंकों की गलाकाट प्रतिस्पर्धा में न पड़ें छात्र
अंकों की गलाकाट प्रतिस्पर्धा में न पड़ें छात्र

जासं, इलाहाबाद : भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद और राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के संयुक्त तत्वाधान में गुरुवार को उच्च माध्यमिक 220 छात्रों ने ट्रिपलआइटी का भ्रमण किया। देशभर के विभिन्न प्रांतों से आए छात्रों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर की शोध प्रयोगशालाओं को देखा व तकनीकी के क्षेत्र में हो रहे नए नए प्रयोग को बारीकी से समझा।

संस्थान के निदेशक प्रो. पी. नागभूषण ने कहा कि छात्रों को सिर्फ परीक्षा उत्तीर्ण करने और उच्च अंकों को पाने के लिए नहीं अध्ययन करना चाहिए। छात्रों को कक्षाओं के बंद दरवाजों से बाहर आने का आह्वान किया, जिससे उनकी असली प्रतिभा निखर सके। उन्होंने देश में मौजूदा वर्तमान परीक्षा प्रणाली में उच्च अंक प्राप्त करने की गला काट प्रतियोगिता पर ध्यान केन्द्रित करने बजाय वास्तविक शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों को वैज्ञानिक और गंभीर रूप से सोचने और अधिक प्रश्न उठाकर अपनी अप्रत्याशित क्षमता का पता लगाने की सलाह दी। भारतीय छात्रों के बीच प्रतिभा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के बच्चे विशेष रूप से गणित के क्षेत्र में सबसे आगे हैं। उनकी इस प्रतिभा का वर्तमान परीक्षा प्रणाली में सिर्फ अंक प्राप्त हो जाता है जो दुर्भाग्यपूर्ण है ।

वैज्ञानिक प्रो. कृष्णा मिश्रा ने कहा कि नासी की स्थापना का उद्देश्य भारतीय वैज्ञानिकों को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर लाना था क्योकि अंग्रेज भारतीय वैज्ञानिकों के कार्य को दुनिया के समक्ष लाना नहीं चाहते थे। इस अवसर पर प्रो. उमाशकर तिवारी, प्रो. शेखर वर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पवन चक्रवर्ती ने छात्रों को आइआइआइटी इलाहाबाद की प्रयोगशालाओं और महत्वपूर्ण शोध कार्यो के बारे में जानकारी दी। नासी के डॉ. संतोष शुक्ला ने धन्वाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर डॉ. सुनील यादव के मार्गदर्शन में स्टेडियम में एक ड्रोन भी प्रदर्शित किया गया। उद्घाटन सत्र में डॉ. सीबी, डॉ. शिशू वर्मा, डॉ. प्रीतिश भारद्वाज और डॉ. सतीश सिंह व अन्य उपस्थित रहे।

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