कम होने लगा गंगा-यमुना का जलस्तर, मोहल्लों में अभी भी चल रही नाव Prayagraj News

शहरवासियों के लिए राहत देने वाली खबर है। गंगा और यमुना नदियों में बाढ़ का पानी कम होने लगा है। हालांकि कम होने की स्‍पीड कम है। प्रभावित क्षेत्रों में गंदगी आदि समस्याओं से निपटना होगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 22 Sep 2019 06:11 PM (IST) Updated:Sun, 22 Sep 2019 06:11 PM (IST)
कम होने लगा गंगा-यमुना का जलस्तर, मोहल्लों में अभी भी चल रही नाव Prayagraj News
कम होने लगा गंगा-यमुना का जलस्तर, मोहल्लों में अभी भी चल रही नाव Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। रविवार से गंगा का जलस्तर भी कम होने लगा है। यमुना तो शनिवार शाम से ही घटने लगी थीं। हालांकि दोनों नदियों के जलस्तर कम होने की गति काफी धीमी है। यमुना दो घंटे में आधा सेमी तो गंगा चार घंटे में आधा सेमी घट रही हैैं। पिछले 24 घंटे में गंगा का पानी 10 सेमी और यमुना का 17 सेमी कम हुआ है। हालांकि अब भी बघाड़ा, गंगानगर समेत कई इलाकों में बाढ़ का पानी भरा है। गलियों में नावें चल रही हैं।

गंगा का पानी शनिवार की शाम से हो गया था स्थिर

खतरे के निशान से लगभग एक मीटर ऊपर बह रहीं गंगा शनिवार देर शाम जहां स्थिर हो गईं, वहीं यमुना का जलस्तर नीचे जाने लगा। गंगा 85.77 मीटर पर पहुंच कर स्थिर हुईं तो यमुना 85.71 मीटर पहुंचकर नीचे जाने लगीं। वैसे शनिवार सुबह से दोनों नदियों के जलस्तर में मामूली बढ़ोतरी को देखते हुए घटने का अंदाजा लगा लिया गया था। बाढ़ के बाद प्रभावित क्षेत्रों में गंदगी व बदबू तथा बीमारियों की आशंका को देखते ही स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम को अलर्ट कर दिया गया है।

बाढ़ की त्रासदी से परेशान लोगों को मिलेगी राहत

एक सप्ताह से ज्यादा दिनों से बाढ़ की त्रासदी झेल रहे तटीय इलाके के लोगों को जल्द ही राहत मिल सकेगी। आठ दिनों तक तेजी से बढ़ीं गंगा और यमुना का जलस्तर अब तेजी से नीचे जाने की उम्मीद है। शनिवार सुबह तक जो जलस्तर दो सेमी प्रति घंटा बढ़ रहा था वह शाम को आधा सेमी प्रति घंटे पर सिमट गया। रात में आठ बजे के रिकार्ड के मुताबिक यमुना आधा सेमी प्रति घंटा घटने लगीं जबकि गंगा स्थिर हो गईं। वहीं रविवार सुबह तक दोनों नदियों का जलस्तर कम होने लगा। अभी इलाकों में बाढ़ का पानी भरा है। शनिवार को आधा दर्जन और मोहल्ले चपेट में आ गए थे।

खास-खास

- 42 मोहल्ले शहर के और 155 गांव आ गए थे बाढ़ की चपेट में

- 09 मोहल्लों और 33 गांवों में पूरी तरह भर चुका था बाढ़ का पानी

- 3.30 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित, 04 हजार लोग हैैं राहत शिविरों में

- 37 हजार से ज्यादा लोग हुए बेघर, बाढ़ का नदियों के किनारे कहर

निचले इलाकों की ऊपर की बस्तियों तक पहुंचने लगा था पानी

प्रशासन के मुताबिक शनिवार दोपहर दोनों नदियों का पानी निचले इलाके के ऊपर की बस्तियों में भी पहुंचने लगा था। अब तक नौ मोहल्ले और 33 गांवों में पूरी तरह बाढ़ का पानी भर चुका है। किसानों की मानें तो 55 हजार एकड़ से ज्यादा फसलें जलमग्न हो चुकी हैं। बाढ़ से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। लगभग 3.30 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैैं। शहर व देहात में बनाए गए 13 बाढ़ राहत शिविरों में तकरीबन चार हजार पीडि़त लोगों को शरण दिया गया है। अब तक शहर व ग्रामीण इलाके के 37 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैैं। राहत के लिए जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, जल पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगाई गई हैैं। अधिकारियों का कहना है कि गंगा और यमुना का जलस्तर अब तेजी से नीचे जाएगा। बाढ़ के बाद की दुश्वारियों से भी निपटने के लिए विभिन्न विभागों को अलर्ट कर दिया गया है।

नगर निगम ने छिड़काव के लिए मंगवाई अतिरिक्त दवा

गंगा और यमुना का जलस्तर घटने की संभावना के साथ ही नगर निगम ने कमर कस ली है। बाढ़ प्रभावित मोहल्लों में छिड़काव के लिए कीटनाशक दवा कम न पड़े, इस के लिए अभी से अतिरिक्त दवा मंगवा ली गई है। सवा तीन सौ कर्मचारियों को दवा छिड़काव के लिए लगाया गया। नगर निगम की 19 चौकियां सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र पर पैनी नजर रखे हुए हैं।

तटीय इलाकों में भरा है बाढ़ का पानी

बाढ़ का पानी करेली, गौसनगर, गऊघाट, बलुआघाट, दारागंज, छोटा बघाड़ा, चांदपुर सलोरी, शिवकुटी, मेहंदौरी, राजापुर, नेवादा समेत सभी तटीय इलाकों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि जैसे ही बाढ़ का पानी निकले, वैसे ही दवा का छिड़काव और फागिंग शुरू करा दी जाए। 2013 और 2016 की तुलना में दोगुनी दवा का छिड़काव करने और फागिंग का निर्देश है। इसलिए नगर निगम ने अतिरिक्त दवा के लिए आर्डर जारी कर दिया है। अगले सप्ताह सप्लाई हो जाएगी। अभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हल्की दवा का छिड़काव किया जा रहा है। दवा आने पर वृहद स्तर पर छिड़काव किया जाएगा, ताकि बाढ़ का पानी उतरने पर बीमारियां न फैल सकें।

बोले नगर आयुक्त

प्रभारी नगर आयुक्त अमरेंद्र वर्मा का कहना है कि दवा के छिड़काव के लिए सवा तीन सौ कर्मचारियों को लगाया गया है। छिड़काव के लिए अतिरिक्त दवा भी मंगवाई गई है।

सांसद के प्रतिनिधिमंडल की देखरेख में बांटी गई राहत सामग्री

भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने  बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि बाढ़ पीडि़तों को तत्काल राहत सामग्री मुहैया कराई जाए। डॉ. रीता जोशी ने एक प्रतिनिधिमंडल अभिषेक शुक्ला, शशि कांत तिवारी और हरीश त्रिपाठी के नेतृत्व में करैलाबाग और ककरहा घाट भेजा। एसीएम तृतीय, थाना प्रभारी अतरसुइया के साथ दो नावों से बाढ़ पीडि़तों को राहत सामग्री बांटी गई।

बाढ़ पीडि़तों की मदद को आगे आए असिस्टेंट प्रोफेसर

सीएमपी डिग्री कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अनंत सिंह ने सेंट जोसेफ कॉलेज ममफोर्डगंज स्थित बाढ़ राहत शिविर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने बाढ़ पीडि़तों की समस्याओं को सुना और उन्हें भरोसा दिलाया कि वह हर दिन उनसे मिलने आएंगे। उन्होंने बाढ़ पीडि़तों को चाय और बिस्किट का वितरित किया। इस दौरान गौरव ओझा, निखिल, धर्मेंद्र, अमित, आकांक्षा, सौरभ आदि ने सहयोग किया।

सुरक्षा व्यवस्था न होने पर जताई नाराजगी

ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के पूर्व महानगर अध्यक्ष अफसर अहमद ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था न होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि घरों में पानी भरा होने के बाद भी लोग सामान चोरी जाने के भय से घर में ही ठहरे हैं। अगर सुरक्षा व्यवस्था होती तो ऐसा न होता। तीन दिन से गड्ढा कॉलोनी में महिलाओं के एक टायलेट का प्रबंध कराया गया।लेकिन आज तक उसमें पानी नहीं भरा गया। प्रशासन की तरफ से कई बार मांग किए जाने के बाद भी पर्याप्त नाव की व्यवस्था नहीं की गई। नाव के अभाव में तमाम संस्थाएं पीडि़तों को राहत सामग्री नहीं बांट पा रही हैं।

बांटा लाई-चना और बिस्किट

अवाम सेवा समिति की ओर से शनिवार को ऋषिकुल विद्यालय स्थित राहत शिविर में बाढ़ पीडि़तों को लाई, चना और बिस्किट बांटा गया। साथ ही सामान ढोने के लिए निश्शुल्क ट्रॉली की व्यवस्था की गई। समिति के अध्यक्ष मोहम्मद अबरार ने बताया कि समिति हमेशा बाढ़ पीडि़तों की मदद को तत्पर है। इस मौके पर ताज अहमद, उसमान अहमद, प्रेमनाथ, गुफरान आदि मौजूद रहे। सिविल डिफेंस की ओर से भी बाढ़ पीडि़तों को ब्रेड, मक्खन और बिस्किट बांटा गया। सिविल डिफेंस के रवि द्विवेदी ने बताया कि चीफ वार्डेन अनिल की ओर से गऊघाट, सुभाष चंद्र और प्रमोद भारतीय की ओर से बेली कॉलोनी में बिस्किट, फल का वितरण किया गया।

राहत शिविरों में नहीं मिली पीडि़तों को जगह

तीन तरफ से गंगा-यमुना के बाढ़ से घिरे शहर के दर्जनों मोहल्लों में पानी भरा हुआ है। ऐसे में राहत शिविरों में बाढ़ पीडि़तों की संख्या काफी ज्यादा है। सिविल डिफेंस के रवि द्विवेदी ने बताया कि बेली कॉलोनी, बेली गांव के कुछ बाढ़ पीडि़त महबूब अली और सेंट जोसेफ कॉलेज में शरण लेने के लिए पहुंचे, लेकिन उन्हें वहां नहीं रहने दिया गया। इस पर सिविल डिफेंस के ओंकार शर्मा ने एसडीएम से बात की। रानी रेवती देवी में बाढ़ राहत शिविर बनाया गया है, वहां भेज दें। ऐसे में लोगों ने आरोप लगाया कि नजदीक में कई स्कूल हैं। इसके बावजूद इतनी दूर राहत शिविर बनाया जाना प्रशासन की चाल है। कुछ ऐसी स्थिति एनी बेसेंट स्थित राहत में है। पार्षद नितिन यादव ने बताया कि यहां भी अब पीडि़तों को राहत शिविर में नहीं आने दिया जा रहा है। कुछ ऐसी ही स्थिति अन्य राहत शिविरों की भी रही।

पटरी से उतरी व्यवस्था

सीएम के आने पर शुक्रवार शहर के राहत शिविरों में व्यवस्था चाक-चौबंद रही। इसके बाद व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतरी रही। सीएम के आने पर कैंट स्थित राहत शिविर में प्रोजेक्टर लगाया गया था। जो अब नहीं लगा है। खाने की व्यवस्था भी ठीक नहीं है। वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं ने राहत शिविरों में जाकर भोजन पैकेट, फल, दूध, ब्रेड मक्खन पानी की बोतल आदि वितरित किया। भाजपाइयों ने फाफामऊ, सलोरी, छोटा बघाड़ा, गंगानगर, नेवादा में राहत सामग्री बांटी। इसके अलावा महानगर अध्यक्ष अवधेश गुप्ता और पवन श्रीवास्तव के नेतृत्व में राहत शिविरों में खाद्य सामग्री बांटी गई।

बाढ़ पीडि़तों की मदद में आए लोग

बाढ़ पीडि़तों को राहत पहुंचाने के लिए लोग आगे आए। बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाकर लोगों ने राहत सामग्री बांटी। कृष्णापुरम मोहल्ले में अरूण शुक्ला के नेतृत्व में बिस्किट, ब्रेड और फल का वितरण लोगों के बीच किया गया। दूसरी ओर गंगा नगर मोहल्ले में बाढ़ से पीडि़त लोगों को भाजपा नेता श्याम बाबू केसरवानी के नेतृत्व में लंच पैकेट वितरण किया गया। समाजसेवी निशांत त्रिपाठी और पूर्व पार्षद अनीता यादव के नेतृत्व में बाढ़ पीडि़तों को बिस्कुट, ब्रेड आदि का वितरण किया गया।

chat bot
आपका साथी