Lockdown-3.0 : ऑनलाइन संवाद में कारोबारी बोले, अनुमति मिले तब करें फर्नीचर की होम डिलीवरी Prayagraj News

फर्नीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष नीलेश केसरवानी कहते हैं कि लॉकडाउन में दो-तीन घंटे ही दुकानें खुलने का प्रावधान हो। वर्कशाप खोलने की स्वीकृति मिले ताकि काम शुरू कराया जा सके।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 12 May 2020 02:14 PM (IST) Updated:Tue, 12 May 2020 02:16 PM (IST)
Lockdown-3.0 : ऑनलाइन संवाद में कारोबारी बोले, अनुमति मिले तब करें फर्नीचर की होम डिलीवरी Prayagraj News
Lockdown-3.0 : ऑनलाइन संवाद में कारोबारी बोले, अनुमति मिले तब करें फर्नीचर की होम डिलीवरी Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। लॉकडाउन के कारण दुकानें और प्रतिष्ठान को बंद हुए डेढ़ महीने से ज्यादा हो रहे हैं। इससे कारोबार पूरी तरह से ठप है। जरूरी सामग्री और कुछ सेक्टर के कारोबार के लिए प्रशासन ने होम डिलीवरी की स्वीकृति भले दी हैं लेकिन फर्नीचर सेक्टर के लिए होम डिलीवरी की भी अनुमति नहीं मिली है। लिहाजा, आर्डर मिलने के बावजूद आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं। कारोबारी तय समय के लिए ही सही लेकिन दुकानें और वर्कशाप खोलने की अनुमति चाहते हैं। बाजार में बेहतर माहौल को ग्राहकों को जागरूक करने के लिए भी सरकार से पहल करने की उम्मीद व्यापारी रखते हैं।   

दो-तीन घंटे की ही सही छूट तो मिले

फर्नीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष नीलेश केसरवानी कहते हैं कि लॉकडाउन में दो-तीन घंटे ही दुकानें खुलने का प्रावधान हो। वर्कशाप खोलने की स्वीकृति मिले ताकि कुछ कर्मचारियों से काम शुरू कर सकें। इस सेक्टर में वर्क फ्राम होम कोई काम नहीं हो सकता है। आर्डर लंबित हैं, डिलीवरी करनी है। 

ग्राहकों को मिले सुरक्षित माहौल

सोम फर्नीसर्स के प्रोपराइटर प्रतीश श्रीवास्तव कहते हैं कि दुकान कब खुलेगी, इससे ज्यादा महत्व इस बात का है कि खरीदारी के लिए सुरक्षित माहौल मिले, यह जिम्मेदारी सरकार की है। नया वातावरण बनाने के लिए प्लान तैयार करे। सरकार के नियमों का सख्ती से पालन करना दुकानदार की प्राथमिकता है। 

शादी-विवाह नहीं तो आर्डर भी नहीं मिल रहा

एमए ट्रेडर्स के प्रोपराइटर मो. असरार का कहना है कि दुकान खुलना चाहिए, समय तय हो। मजदूर काम मांग रहे हैं लेकिन दुकान-वर्कशाप बंद होने से काम कहां से दें। शादी-विवाह स्थगित हो गया तो जो आर्डर मिले थे, रद हो गए। मजदूरों की तनख्वाह, दुकान का किराया देने में मुश्किल हो रही है। 

डिलीवरी की अनुमति नहीं

अमन फर्नीचर के प्रोपराइटर मो. फजल अंसारी कहते हैं कि कुछ समय के लिए दुकानें खोलने की छूट हो। अल्टरनेट खोलने का प्रावधान हो। मेरी फर्म गूगल पर रजिस्टर्ड है। कॉल भी आती है पर डिलीवरी की अनुमति न होने से फर्नीचर की आपूर्ति नहीं हो रही है। काम करने वालों को तनख्वाह देनी है, कहां से इंतजाम हो। 

दो घंटे की मिले स्वीकृति, बिल हो माफ

चावला माडर्न फर्नीचर के प्रोपराइटर अनिल चावला कहते हैं कि दो महीने से दुकान बंद होने से खाने के लाले पड़े हैं। सरकार सहूलियत दे। दो घंटे सही लेकिन दुकानें खुलने की अनुमति दी जाए। बिजली का बिल माफ किया जाए। बड़ी कंपनियों के आगे हम कहां टिकेंगे कि ऑनलाइन व्यापार के बारे में सोचे। 

बुकिंग ले रहे हैं लेकिन डिलीवरी नहीं

ड्यूरियन फर्नीचर प्रयागराज के संचालक प्रवेश त्रिपाठी का कहना है कि शोरूम नहीं खुल रहा है। ऑनलाइन बुङ्क्षकग ली जा रही लेकिन डिलीवरी की स्वीकृति न मिलने से संभव नहीं हो रहा है। शोरूम खोलने और डिलीवरी की अनुमति दी जानी चाहिए, क्योंकि लगन न होने से बहुत नुकसान हो चुका है।

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