इविवि कुलपति प्रकरण में बंटे सपा के दोनों सांसद

इविवि कुलपति के मामले में राज्‍यसभा सदस्‍य कुंवर रेवती रमण सिंह कुलपति के समर्थन में हैं वहीं फूलपुर सांसद ने इससे उलट बयान दिया है। -नागेंद्र प्रताप सिंह ने गिरफ्तारी को बताया अलोकतांत्रिक

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 18 Sep 2018 03:00 PM (IST) Updated:Tue, 18 Sep 2018 03:00 PM (IST)
इविवि कुलपति प्रकरण में बंटे सपा के दोनों सांसद
इविवि कुलपति प्रकरण में बंटे सपा के दोनों सांसद

जासं, इलाहाबाद : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति को लेकर सपा में दो सुर सामने आ रहे हैं। लोकसभा सदस्य नागेंद्र सिंह पटेल जहां कुलपति के खिलाफ मोर्चा खोले हैं, वहीं राज्यसभा सदस्य रेवती रमण सिंह ने कुलपति का समर्थन किया है। इससे कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।

 कुलपति प्रो. रतनलाल हांगलू के खिलाफ सपा के युवा कार्यकर्ताओं और छात्र नेताओं ने विवि में तीखा विरोध किया, जिसके चलते छात्रनेताओं की गिरफ्तारी हुई। इससे सपाइयों में खासी नाराजगी है। राज्यसभा सदस्य कुंवर रेवती रमण सिंह ने एक बयान जारी कर कुलपति का समर्थन किया है। कहा कि है कि प्रो. रतनलाल हांगलू के निर्देशन में विश्वविद्यालय ने ढाई साल में प्रत्येक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उधर, फूलपुर सांसद नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल ने इसके उलट बयान जारी किया है।

 उन्होंने कहा कि सपा छात्रसभा के नेताओं की आवाज को दबाया जा रहा है। दूसरे दल के छात्र नेताओं को बोलने का भरपूर मौका मिल रहा है। सपा जिलाध्यक्ष कृष्णमूर्ति सिंह यादव ने हालांकि दोनों सांसदों के बयानों पर तो कुछ कहने से इन्कार किया, लेकिन छात्रनेताओं की गिरफ्तारी को अलोकतांत्रिक बताया।

कुलपति के विरोध का किया था एलान :

छात्रसंघ अध्यक्ष अवनीश यादव ने रविवार को विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि कुलपति के चरित्र पर सवाल उठ रहा है। उन्हें अपने पद पर रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। या तो वे इस्तीफा दें या हम उन्हें कैंपस में घुसने नहीं देंगे। इस घोषणा के बाद मौके पर एहतियातन पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। अमूमन कुलपति सुबह नौ बजे तक दफ्तर आ जाते हैं पर उन्हें विरोध की जानकारी हो गई तो वे नहीं आए। जब छात्रनेताओं की गिरफ्तारी हो गई तब वे दफ्तर आए।

चीफ प्रॉक्टर ने इनके खिलाफ दी तहरीर :

चीफ प्रॉक्टर प्रो. राम सेवक दुबे ने जिन 10 छात्रनेताओं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है, उनमें छात्रसंघ अध्यक्ष अवनीश यादव, रोहित यादव, अरविंद कुमार, राहुल पटेल, अभिषेक यादव, संजय कुमार यादव, विवेक यादव, गौरव तिवारी व रोहित यादव शामिल हैं। चीफ प्रॉक्टर ने तहरीर में कहा है कि उन सभी ने मुख्य द्वार पर उपद्रव किया और कुलपति को कैंपस में घुसने नहीं दिया गया। इस व्यवहार से विश्वविद्यालय में कार्यालयीय व शिक्षण कार्य प्रभावित हुआ।

कुलपति व महिला के बीच बातचीत का ऑडियो वायरल :

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू के खिलाफ एक और आडियो वायरल हुआ है। दावा किया जा रहा है कि इस आडियो में बातचीत कुलपति व एक विधवा के बीच की है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री और इविवि के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रोहित मिश्र ने सोमवार को कुलपति और महिला के बीच हुई अंतरंग बातचीत से संबंधित 33 मिनट 20 सेकेंड का ऑडियो टेप वायरल किया है। रोहित ने प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत के दौरान कथित ऑडियो दिया और कुलपति को नैतिक आधार पर इस्तीफा देने की बात कही। बताया कि कुलपति के खिलाफ मानव संसाधन विकास मंत्रालय की दो कमेटियों ने भी जांच रिपोर्ट दी है। उन पर भ्रष्टाचार के भी आरोप हैं पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यह नया प्रकरण चरित्र से संबंधित है, जो कि विश्वविद्यालय की गरिमा और प्रतिष्ठा के खिलाफ है। कुलपति को तत्काल प्रभाव से अपना पद त्याग कर देना चाहिए। रोहित ने इस आडियो को जारी करने के बाद अपने जान-माल की सुरक्षा की मांग की है।

सीबीआइ जांच तक पद छोड़ दें कुलपति :

रोहित मिश्रा द्वारा जारी आडियो को मैंने सुना है। अगर जारी ऑडियो सही है तो यह गंभीर बात है। इस प्रकरण की टाइम बाउंड सीबीआइ जांच कराई जानी चाहिए। तब तक के लिए कुलपति को अपना पद छोड़ देना चाहिए। अवकाश ले लेना चाहिए। आरोपी महिला के खिलाफ भी जांच की जानी चाहिए।

-प्रो. राम सेवक दुबे, अध्यक्ष, इलाहाबाद विश्वविद्यालय शिक्षक संघ।

ऑडियो में मेरी आवाज नहीं :

इस ऑडियो में मेरी कोई आवाज नहीं है। तकनीकी के इस दौर में कोई भी आसानी से ऐसा कर सकता है। मैं इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग करता हूं।

-प्रो. रतन लाल हांगलू, कुलपति, इलाहाबाद विश्वविद्यालय।

आक्टा जारी रखेगी समर्थन :

उधर, आक्टा के सदस्यों ने कुलपति के विरुद्ध किए जा रहे षड्यंत्र पर चिंता व्यक्त की और कहा कि पिछले दो वर्षों से कुलपति के बेहतर कार्य करने के बावजूद उनके खिलाफ  साजिश रची जा रही है। इससे विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है। लिहाजा आक्टा की ओर से एक ज्ञापन प्रधानमंत्री और मानव संसाधन संसाधन विकास मंत्रालय को भेजा जाएगा, जिस पर सभी महाविद्यालयों के सभी शिक्षकों का हस्ताक्षर होंगे।

-डॉ. सुनील कांत मिश्र, अध्यक्ष, आक्टा।

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