वन विभाग प्रयागराज में गंगा यमुना के तटीय इलाकों में तैयार करेगा ग्रीन बेल्ट

2025 में होने वाले कुंभ को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है। ग्रीन बेल्ट एरिया में पौराणिक पेड़ भी लगाए जाएंगे। पेड़ लगाने के लिए खाका तैयार कर लिया गया। वन विभाग की ओर से झूंसीअरैल और छतनाग में डेढ़ लाख से अधिक पेड़ लगाए जाएंगे।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Fri, 10 Dec 2021 07:20 AM (IST) Updated:Fri, 10 Dec 2021 06:21 PM (IST)
वन विभाग प्रयागराज में गंगा यमुना के तटीय इलाकों में तैयार करेगा ग्रीन बेल्ट
झूंसी,अरैल और छतनाग में तैयार होगा ग्रीन बेल्ट, 1.50 लाख इस एरिया में लगाए जाएंगे पौधे

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। हरा भरा वातावरण और स्वच्छ हवा, यह किसे नहीं पसंद है लेकिन खराब बात यह है कि बहुत से लोग इतनी कोशिशों के बाद भी पौधारोपण और उनके संरक्षण के प्रति गंभीर नहीं सके हैं। गनीमत यह है कि वन विभाग इस दिशा में लगातार प्रयास कर रहा है। ताजी पहल के तहत पर्यावरण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन विभाग गंगा यमुना के तटीय इलाकों में ग्रीन बेल्ट तैयार करेगा, गंगा के क्षेत्र में 12 किलो मीटर और यमुना के क्षेत्र में पांच किलो मीटर के दायरे में वृहद पौधरोपण कर इसे हरा-भरा किया जाए।

ताकि 2025 कुंभ तक ग्रीन बेल्ट हो जाए तैयार

बताया गया कि 2025 में होने वाले कुंभ को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है। ग्रीन बेल्ट वाले एरिया में पौराणिक पेड़ भी लगाए जाएंगे। पेड़ लगाने के लिए खाका तैयार कर लिया गया है। वन विभाग की ओर से झूंसी,अरैल और छतनाग में डेढ़ लाख से अधिक पेड़ लगाए जाएंगे। पौधारोपण की प्रक्रिया जुलाई से शुरू हो जाएगी। डीएफओ रमेश चंद्र ने बताया कि किन-किन स्थानों पर पौधारोपण किया जाना है, उसका सर्वे किया जा चुका है। ऑक्सीजन देने वाले पेड़ों के साथ छायादार पौधे लगाए जाएंगे। कुछ ऐसे भी पौधे रोपे जाएंगे जो हमारी संस्कृति और सभ्यता के महत्व को भी बताएंगे। बताया कि कुंभ के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु देश- विदेश से संगम स्नान करने आते हैं ऐसे में हमारी संस्कृत में कौन से पेड़ों का कितना महत्व है इसको भी बताने का प्रयास किया जाएगा

पूर्व डीएफओ ने की थी पहल

गंगा-यमुना के तटीय इलाकों को ग्रीन बेल्ट बनाने की पहल पूर्व डीएफओ वाईपी शुक्ला ने की थी। डेढ़ वर्ष पहले वाईपी शुक्ला का निधन हो जाने से यह अभियान नहीं शुरू हो पाया लेकिन अगले सत्र जुलाई से ग्रीन बेल्ट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

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