एमएनएनआइटी : विशेषज्ञों ने तकनीकी संस्थानों को अपडेट रहने की जरूरत बताई Prayagraj News

एमएनएनआइटी में एनबीए एक्रीडिटेशन रेगुलेशन एंड प्रोसीजर विषयक कार्यशाला आयोजित हुई। इसमें विशेषज्ञों ने नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिटेशन के कार्य प्रणाली के बारे में जानकारी दी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 28 Jul 2019 11:02 AM (IST) Updated:Sun, 28 Jul 2019 11:02 AM (IST)
एमएनएनआइटी : विशेषज्ञों ने तकनीकी संस्थानों को अपडेट रहने की जरूरत बताई Prayagraj News
एमएनएनआइटी : विशेषज्ञों ने तकनीकी संस्थानों को अपडेट रहने की जरूरत बताई Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) में कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (केएनआइटी) सुल्तानपुर के संयुक्त तत्वावधान में 'एनबीए एक्रीडिटेशन : रेगुलेशन एंड प्रोसीजर' विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें विशेषज्ञों ने नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिटेशन के कार्य प्रणाली के बारे में  जानकारी दी गई। साथ ही तकनीकी संस्थानों को अपडेट रहने की जरूरत बताई।

इंजीनियरिंग संस्थानों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की जरूरत : प्रो. अग्रवाल

कार्यशाला की शुरुआत एमएनएनआइटी के निदेशक प्रो. राजीव त्रिपाठी, एनबीए नई दिल्ली के चेयरमैन प्रो. केके अग्रवाल, केएनआइटी के पूर्व निदेशक प्रो. केएस वर्मा के अलावा प्रो. आरपी सिंह व प्रो. एमएम गोरे ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया। मुख्य अतिथि प्रो. केके अग्रवाल ने इंजीनियङ्क्षरग संस्थानों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और परिणाम आधारित शिक्षा पर जोर देते हुए भारत में शोध कार्य और उद्योग उन्मुख शिक्षा पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रणाली के बारे में बताते हुए कहा कि समाज के बदलते परिवेश में तकनीकी संस्थानों को अपडेट रहने की जरूरत है।

प्रो. त्रिपाठी ने नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिटेशन की कार्य प्रणाली बताई

संस्थान के निदेशक प्रो. राजीव त्रिपाठी ने नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिटेशन की कार्य प्रणाली, महत्व व इसकी उपयोगिता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक संकाय को एनबीए की प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए। केएनआइटी सुल्तानपुर के पूर्व निदेशक प्रो. केएस वर्मा ने यूपी में क्षेत्रीय इंजीनियङ्क्षरग कॉलेजों और निजी इंजीनियङ्क्षरग कॉलेजों के वर्तमान परिदृश्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने इंजीनियरिंग से संबंधित राज्य सरकार के संस्थानों के खराब वित्त पोषण के बारे में बताया। संचालन सुशांत यादव व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रवीण कुमार अग्रवाल ने किया। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक डॉ. विक्रम सिंह वाइएमसीए विवि फरीदाबाद के डॉ. अरशद हुसैन खान ने भी विचार रखे।

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