UPPSC की पूर्व परीक्षा नियंत्रक की दिक्कतें बरकरार, जमानत के बाद भी लटकी कार्रवाई की तलवार

उप्र लोकसेवा आयोग की पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंजू कटियार को इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत तो मिल गई लेकिन उनकी दिक्कत कम होती नजर नहीं आ रही।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 07 Feb 2020 11:29 PM (IST) Updated:Sat, 08 Feb 2020 12:21 AM (IST)
UPPSC की पूर्व परीक्षा नियंत्रक की दिक्कतें बरकरार, जमानत के बाद भी लटकी कार्रवाई की तलवार
UPPSC की पूर्व परीक्षा नियंत्रक की दिक्कतें बरकरार, जमानत के बाद भी लटकी कार्रवाई की तलवार

प्रयागराज, जेएनएन। आठ माह से अधिक समय तक जेल में रहने वाली उप्र लोकसेवा आयोग (UPPSC) की पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंजू कटियार को इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत तो मिल गई, लेकिन उनकी दिक्कत कम होती नजर नहीं आ रही। कार्रवाई की तलवार उनके ऊपर आगे भी लटकती रहेगी, क्योंकि वह आयोग ही पहली अधिकारी हैं जिन्हें इतने लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा। आयोग पर पेपर लीक करने, रिजल्ट में गड़बड़ी व भ्रष्टाचार करने जैसी शिकायतें पहले भी लगती रही। सीबीआइ कई परीक्षा व परिणाम की जांच भी कर रही है, लेकिन गिरफ्तारी अभी तक किसी की नहीं हुई।

हाई कोर्ट से डॉ. अंजू कटियार को जमानत मिलने पर एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 के अभ्यर्थी अपनी जीत के रूप में देख रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि उनकी भर्ती पर जो अवरोध था वह खत्म हो गया है। अभ्यर्थियों का मानना है कि पेपर लीक प्रकरण में फंसा हिंदी व सामाजिक विज्ञान का रिजल्ट भी जल्द जारी होगा, उसके साथ नियुक्ति भी मिल जाएगी। ऐसा होगा या नहीं? इसकी तस्वीर आने वाले दिन में साफ होगी। फिलहाल कानून के जानकारों का कहना है कि अभी सबके सामने काफी चुनौतियां हैं, जिससे पार पाना आसान न होगा।

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यह है पूरा मामला

एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 के लिए योगी सरकार ने परीक्षा लिखित कराने का निर्णय लिया था। सीटें बढ़ाकर 10768 पदों पर चयन शुरू हुआ। इसमें चार लाख के लगभग आवेदन हुए। उत्तर प्रदेश के 37 जिलों में 29 जुलाई, 2018 को 15 विषयों की परीक्षा हुई। इसी दिन वाराणसी में हिंदी व सामाजिक विज्ञान विषय का पेपर लीक होने का मामला सामने आया। वाराणसी एसटीएफ ने कुछ अभ्यर्थियों को गिरफ्तार करके जांच शुरू की। इधर अभ्यर्थियों का दबाव बढ़ने पर आयोग ने 13 मार्च, 2019 से परिणाम जारी करना शुरू कर दिया। सात विषयों का परिणाम जारी भी कर दिया गया।

इसी बीच 28 मई, 2019 की रात एसटीएफ ने आयोग आकर छानबीन शुरू कर दिया। इसके बाद 29 मई को परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंजू कटियार को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें 30 मई, 2019 को जेल में बंद कर दिया गया। इनके अलावा पेपर छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस के मालिक व कुछ अभ्यर्थियों की गिरफ्तारी की गई। इसके बाद परिणाम व शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन रोक दिया गया, बाद में रिजल्ट जारी हुए।

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