प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर गंगा घाट पर 54 सौ वर्ग फीट में तैयार किया जाएगा विद्युत शवदाह गृह

एसडीएम सोरांव ने बताया कि घाट किनारे चार बिस्वा यानी करीब 5400 वर्ग फीट जमीन चिह्नित की है। वैसे यहां पर लकड़ी से किए जाने वाले तीन शवदाह गृह पहले से हैं जिसका सिर्फ बारिश के दिनों में ही होता रहा है। अब उसके निकट विद्युत शवदाह गृह बनाया जाएगा।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Fri, 28 May 2021 06:20 AM (IST) Updated:Fri, 28 May 2021 05:00 PM (IST)
प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर गंगा घाट पर 54 सौ वर्ग फीट में तैयार किया जाएगा विद्युत शवदाह गृह
शव दफनाने से रोकने के लिए पहला विद्युत शवदाह गृह बनेगा, पूर्व में बने शवदाह गृह के निकट निर्माण

प्रयागराज, जेएनएन। पिछले दिनो संगमनगरी में गंगा तीरे दफन शवों को कोरोना से जोड़कर इंटरनेट मीडिया पर खासा दुष्प्रचार किया गया। 'दैनिक जागरण ने गंगा किनारे शवों के सच की पड़ताल करती खबरें दीं, जिनसे साफ हो गया कि गंगा किनारे शवों के दफनाने के पीछे कोरोना कम और परंपरा ज्यादा है। यहां शवों को भू -समाधि  की पीढिय़ों से परंपरा रही है। धाम के दुष्प्रचार का पंडा समाज भी विरोध करता रहा है। खबर छपने के अगले ही दिन प्रशासन सक्रिय हुआ और विद्युत शवदाह गृह बनाए जाने का गुरुवार को फैसला किया गया। इसके लिए एसडीएम सोरांव अनिल चतुर्वेदी ने घाट किनारे 5400 वर्ग फीट जमीन चिह्नित की है। जल्द ही इसका निर्माण शुरू होगा। फिलहाल गंगा की रेती में शवों की भू-समाधि पर रोक लगा दी गई है।

कई जिलों से लोग आकर करते हैं शवों की अंत्येष्टि 

श्रृंगवेरपुर घाट पर शवों के दाह संस्कार के लिए शवदाह गृह बना हुआ है। हालांकि इसका इस्तेमाल सिर्फ बारिश के दिनों में ही होता है। यहां प्रयागराज और आसपास के कई जिलों से लोग आकर शवों की अंत्येष्टि करते हैं। घाट किनारे दाह संस्कार के अलावा शवों की भू-समाधि यानी दफनाने की भी परंपरा है। बड़ी संख्या में नदी किनारे शव दफन होने का मामला मीडिया में सुर्खियां बना, कुछ मीडिया संगठनों ने इसे कोरोना से बड़ी संख्या में हुई मौतों से जोड़ दिया। हालांकि 26 और 27 मई के अंक में 'दैनिक जागरण ने पड़ताल करती खबरें दीं, जिनसे साफ हो गया कि गंगा किनारे शवों को दफनाने की परंपरा रही है।

करीब 5400 वर्ग फीट जमीन चिह्नित 

एसडीएम सोरांव ने बताया कि घाट किनारे चार बिस्वा यानी करीब 5400 वर्ग फीट जमीन चिह्नित की है। वैसे यहां पर लकड़ी से किए जाने वाले तीन शवदाह गृह पहले से हैं, जिसका सिर्फ बारिश के दिनों में ही होता रहा है। अब उसी के निकट विद्युत शवदाह गृह बनाया जाएगा। जमीन चिह्नित होने के बाद नगर निगम की टीम को निर्देशित किया गया है कि वह डीपीआर बनाए। जिला पंचायत के बजट से इसका निर्माण कराया जाएगा।


डीएम का यह है कहना 

-श्रृंगवेरपुर घाट पर विद्युत शवदाह गृह बनवाया जाएगा। इसके लिए चार बिस्वा जमीन चिह्नित हो चुकी है। जल्द ही इसका निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। इसके बनने से वहां पर दाह संस्कार करना आसान होगा और सस्ता भी रहेगा। गंगा घाटों पर होने वाले दाह संस्कार से होने वाली गंदगी भी नहीं होगी।

- भानुचंद्र गोस्वामी, जिलाधिकारी प्रयागराज 

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