महामारी के रूप में जला अहंकारी रावण

कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार के दिशा निर्देशानुसार 10 दिन तक मंचित की गई रामलीला के पश्चात सादगी के साथ बाबूगंज की ऐतिहासिक रामलीला में दशहरे का आयोजन किया गया। इस वर्ष केवल परंपरा का निर्वहन करते हुए महामारी के रूप में अहंकारी रावण के पुतले का दहन कर लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगाए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Oct 2020 12:20 AM (IST) Updated:Tue, 27 Oct 2020 12:20 AM (IST)
महामारी के रूप में जला अहंकारी रावण
महामारी के रूप में जला अहंकारी रावण

सहसों : कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार के दिशा निर्देशानुसार 10 दिन तक मंचित की गई रामलीला के पश्चात सादगी के साथ बाबूगंज की ऐतिहासिक रामलीला में दशहरे का आयोजन किया गया। इस वर्ष केवल परंपरा का निर्वहन करते हुए महामारी के रूप में अहंकारी रावण के पुतले का दहन कर लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगाए। दशहरे पर लगने वाले मेला विभिन्न प्रकार की दुकानें तथा गुड़ की जलेबी की मिठास गायब रही। भीड़ भाड़ के साथ राम रावण का युद्ध भी नहीं दिखाई दिया। अहंकारी रावण के रूप में इस बार महामारी व संक्रमण के पुतले का दहन किया। तत्पश्चात भगवान राम की भव्य आरती के बाद राज्याभिषेक किया गया।

इस दौरान उपस्थित कमेटी के पदाधिकारियों ने पुष्प वर्षा कर जय श्रीराम का उद्घोष किया। इस अवसर पर कमेटी के राजकुमार मोदनवाल, नीरज जायसवाल, भारत लाल, वीरेंद्र जायसवाल, शिवम शुक्ला, सत्यम हिदू, विजयपाल, वीरेंद्र, विजय चंद्र विश्वकर्मा आदि लोग मौजूद रहे। जसरा में राजगद्दी का आयोजन

जसरा : जसरा में प्रति वर्ष मनाया जाने वाला त्योहार दशहरा इस वर्ष नहीं मनाया गया। हालांकि दशमी के दिन भगवान राम की राजगद्दी व भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों की संख्या में भक्त शामिल हुए।

रविवार को विजयदशमी के दिन कोविड-19 महामारी के कारण प्रशासन की ओर से रामलीला कमेटियों को दशहरा निकालने की इजाजत नहीं दी गई थी। इसके बाद ईश्वरदीन छेदीलाल नाट्य समिति व पुरानी बाजार रामलीला कमेटी की ओर से प्रतीकात्मक रूप से भगवान राम और मां सीता का राज्याभिषेक किया गया। इसके बाद भगवान राम की आरती उतारी गई। बाद में शाम को भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्र के दर्जनों लोग सम्मिलित हुए। इस अवसर पर संजीव केसरवानी, विनोद केसरवानी, अनिल केसरवानी, सपा नेता रतन केसरवानी, आनंद जायसवाल, ज्ञानेंद्र पाठक, शंकर लाल मधुकर, शिक्षक गणेश प्रसाद केसरवानी, सुरेश केसरवानी आदि लोग उपस्थित रहे।

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