आइआइएमसी के महानिदेशक बोले-आज जर्नलिस्ट की कुर्सी पर एक्टिविस्ट बैठ गए हैं
उत्तर प्रदेश राजर्षिटंडन मुक्त विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आइआइएमसी के महानिदेशक प्रो. द्विवेदी का प्रयागराज आगमन हुआ। इस दौरान उन्होंने कहा कि तथ्यों का सही निरूपण पत्रकार का ध्येय है जबकि एक्टिविस्ट अपने अनुसार पत्रकारिता की दिशा तय करते हैं जो ठीक नहीं है।
प्रयागराज, जेएनएन। समाचारों में विचार एवं विज्ञापन समाहित किए जा रहे हैं। वर्तमान में तटस्थता का भी अभाव दिख रहा है। आज जर्नलिस्ट की कुर्सी पर एक्टिविस्ट आकर बैठ गए हैं। यह कहना है इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ मॉस कम्युनिकेशन (आइआइएमसी) के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी का।
उत्तर प्रदेश राजर्षिटंडन मुक्त विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आइआइएमसी के महानिदेशक प्रो. द्विवेदी का प्रयागराज आगमन हुआ। इस दौरान उन्होंने कहा कि तथ्यों का सही निरूपण पत्रकार का ध्येय है, जबकि एक्टिविस्ट अपने अनुसार पत्रकारिता की दिशा तय करते हैं जो ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी दिशाओं से अच्छे विचारों को आने देना चाहिए। दुनिया ने जिस तरह योग को स्वीकारा है, उससे देश का सम्मान बढ़ा है।
पत्रकारिता के क्षेत्र में आने वाले युवाओं का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि वह जिस क्षेत्र में जाएं पूरी प्रमाणिकता के साथ काम करें। शिक्षण संस्थाओं के बारे में कहा कि अच्छे व्यक्तियों का निर्माण करना प्राथमिकता होनी चाहिए। समाज में मूल्यों की स्थापना होगी तो मीडिया भी उसका अनुसरण करेगा। कहा कि वर्तमान में पत्रकारिता बाजारवाद की भेंट चढ़ चुकी है। इससे सभी को बचना होगा। पत्रकारिता के क्षेत्र में जाने वाले युवाओं को प्रशिक्षित किए जाने की जरूरत है। नई पीढ़ी को प्रयास करना होगा कि खबरों में अनायास सनसनी डालने से बचें। सभी को सरोकारों की पत्रकारिता करनी चाहिए। इन्हीं से हम समाज में मूल्यों का विकास कर सकेंगे। दुर्भाग्य है कि हम मूल्यों से हटकर बाजार की तरफ बढ़ रहे हैं। मीडिया हाउसों को भी इसे समझना होगा।