गहरी साजिश, सीसीटीवी में कैद हैं तस्वीरें

थाना क्षेत्र के मीरापुर इलाके में बैंक आफ इंडिया के एटीएम से 23 लाख 70 हजार रुपये गायब करने के मामले में रुपये लोड करने वाली एजेंसी के दो कस्टोडियन ही प्राइम सस्पेक्ट हैं। हालांकि जांच में जुटी पुलिस और एजेंसी की टीम को एटीएम बूथ के सामने लगे एक मकान के सीसीटीवी से तस्वीरें मिली हैं। लाखों रुपये गायब करने के इस मामले की साजिश बहुत गहरी है। 29 जुलाई से एटीएम खराब पड़ा था। इसके बाद भी उसमें एजेंसी कर्मी रुपये लोड करते रहे। केयरटेकर एटीएम बंद होने की सूचनाएं देता रहा लेकिन न तो एजेंसी वालों ने कुछ किया न ही बैंक के कान में जूं रेंगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Sep 2018 11:07 AM (IST) Updated:Fri, 14 Sep 2018 11:07 AM (IST)
गहरी साजिश, सीसीटीवी में कैद हैं तस्वीरें
गहरी साजिश, सीसीटीवी में कैद हैं तस्वीरें

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : अतरसुइया थाना क्षेत्र के मीरापुर इलाके में बैंक आफ इंडिया के एटीएम से 23 लाख 70 हजार रुपये गायब करने के मामले में रुपये लोड करने वाली एजेंसी के दो कस्टोडियन ही प्राइम सस्पेक्ट हैं। हालांकि जांच में जुटी पुलिस और एजेंसी की टीम को एटीएम बूथ के सामने लगे एक मकान के सीसीटीवी से तस्वीरें मिली हैं। लाखों रुपये गायब करने के इस मामले की साजिश बहुत गहरी है। 29 जुलाई से एटीएम खराब पड़ा था। इसके बाद भी उसमें एजेंसी कर्मी रुपये लोड करते रहे। केयरटेकर एटीएम बंद होने की सूचनाएं देता रहा लेकिन न तो एजेंसी वालों ने कुछ किया न ही बैंक के कान में जूं रेंगी।

सेकुरीट्रांस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड एजेंसी शहर के विभिन्न बैंकों के एटीएम में रुपये लोड कराती है। मीरापुर इलाके में बैंक आफ इंडिया के एटीएम के कैश बाक्स में रुपये लोड कराने की जिम्मेदारी इसी एजेंसी पर है। एजेंसी के शाखा प्रबंधक अशोक कुमार ने अतरसुइया थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि रुपये लोडिंग के दौरान 23 लाख 70 हजार रुपये गायब कर दिए गए। लोडिंग का काम एजेंसी के दो कस्टोडियन दिलीप निषाद पुत्र रोशन लाल निवासी अतरसुइया और जय सिंह पुत्र बालकृष्ण निवासी सीतापुर चित्रकूट करते थे। दोनों के पास एटीएम के अलग-अलग पासवर्ड थे जिससे कैश बाक्स खुलता था। अगस्त से सितंबर के बीच लोडिंग के दौरान लाखों रुपये उड़ाए गए। मुकदमे में दोनों कस्टोडियनों को नामजद किया गया है लेकिन बीच में एजेंसी के इंजीनियर भी पहुंचे थे। इंजीनियरों ने मशीन खोली तो उन्हें कैश बाक्स में रुपये न होने का पता चला। रिपेय¨रग करने वाली टीम जब बूथ पर पहुंची थी तो केयरटेकर जफर खाना खाने चला गया था। एजेंसी अफसरों का कहना है कि दोनों कस्टोडियन आफिस नहीं आ रहे थे, वह फरार हैं। हालांकि पुलिस ने कस्टोडियनों से पूछताछ की तो साफ हुआ कि वह ड्यूटी पर लगातार हैं। वह अपनी मौजूदगी का प्रमाण रहे हैं। सबसे बड़ी बात कि एटीएम बूथ में लगा सीपीयू, सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर तक गायब कर दी गई। की पैड पर फेवीक्विक चिपकाने की बात भी सामने आई है। इसके इतर केयरटेकर ने बयान दिया है कि एटीएम 29 जुलाई से खराब हो गया था। उसमें से रुपये की निकासी नहीं हो रही थी। इसकी शिकायत बैंक और एजेंसी कर्मियों को थी, इसके बाद भी एजेंसी की तरफ से रुपये लोडिंग कराई जाती रही। एटीएम मशीन एक महीने तक ठीक कराने की कोशिश क्यों नहीं की गई, यह बड़ा सवाल है। बूथ के सीसीटीवी से भले ही कुछ न मिला हो लेकिन सामने लगे सरदार जी के मकान के सीसीटीवी में कुछ तस्वीरें कैद हुई हैं। अब लाखों के इस मामले में इसी सीसीटीवी फुटेज से जांच आगे बढ़ेगी। लाखों की ठगी के इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच की स्पेशल बिंग को भेजे जाने की तैयारी है। हालांकि अफसरों ने फिलहाल इससे इन्कार किया है। इंस्पेक्टर अतरसुइया का कहना है कि जांच की जा रही है। बयान भी दर्ज हुए हैं। साक्ष्य मिलने पर ही गिरफ्तारी की जाएगी।

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हर पहलू पर विवेचना चल रही है। दोनों कस्टोडियनों से पूछताछ होगी। केयरटेकर ने बयान दर्ज कराया है। आसपास लगे सीसीटीवी से कुछ फुटेज मिली है। उसी पर जांच आगे बढ़ रही है।

सुकीर्ति माधव, एएसपी

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