Coronavirus : मरीजों के लार में सबसे अधिक रहते हैं वायरस, ऐसा करके संक्रमण से करें बचाव Prayagraj News

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज दंत रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि कोरोना मरीजों की लार में वायरस की मौजूदगी करीब 91 फीसद तक हो सकती है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 07:59 AM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 07:59 AM (IST)
Coronavirus : मरीजों के लार में सबसे अधिक रहते हैं वायरस, ऐसा करके संक्रमण से करें बचाव Prayagraj News
Coronavirus : मरीजों के लार में सबसे अधिक रहते हैं वायरस, ऐसा करके संक्रमण से करें बचाव Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। ऐसा हम नहीं, बल्कि शोध में पता चला है कि वायरस का अधिक तादात कोरोना संक्रमित मरीजों के मुंह में ही रहता है। यानी मरीजों के लार में वायरस की सबसे अधिक मौजूदगी रहती है। यही लार पानी की फुहार और खून के साथ बाहर निकलकर फर्श (जमीन) पर भी गिर सकती है और इसके संपर्क में आने वाले लोगों को भी संक्रमित कर सकती है।

ऐसे करें बचाव

-दिन में दो बार ब्रश करना चाहिए।

- चिपचिपी चीजें जैसे चॉकलेट आदि से दूर रहें।

- गुनगुने पानी में नमक डालकर कुल्ला करना फायदेमंद है।

- टूथ ब्रश करने से पहले हाथों को साबुन-पानी से अच्छी तरह से धुल लें।

- अगर चिकित्सक के पास जाना बहुत ही जरूरी हो तो मास्क लगाकर जाएं।

- बुखार, खांसी या जुकाम है तो चिकित्सक को पहले से ही बता दें।

कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए दंत चिकित्‍सकों की महत्‍वपूर्ण भूमिका

कोरोना वायरस के संक्रमण से खुद को बचाने के साथ ही सहायकों और मरीजों को भी बचाना दंत चिकित्सकों (डेंटिस्टों) के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में है। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज दंत रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि कोरोना के मरीजों की लार में वायरस की मौजूदगी करीब 91 फीसद तक हो सकती है। मुंह की समस्या पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है। इसलिए कोरोना काल में लोगों को अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए ताकि दांतों की समस्या के समाधान के लिए क्लीनिक तक न जाना पड़े और टेलीफोन पर ही जरूरी सलाह से दिक्कत से छुटकारा मिल सके।

चिकित्‍सकों काे भी सजग रहने की जरूरत

- क्लीनिक में आने वालों का तापमान मापें।

- भीड़ से बचने के लिए मरीजों का टाइम स्लॉट तय करें।

-चेकअप या दांतों की सफाई व फिलिंग के दौरान पीपीई किट पहनें।

- इंट्रा ओरल एक्स-रे से बचें।

- एयरोसाल कम से कम करने की तरकीब निकालें।

- सर्जिकल उपकरणों को विसंक्रमित करने की समुचित व्यवस्था करें।

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