SRN Hospital : इलाज तो होता है मुफ्त पर दवा के लिए करनी पड़ती है जेब ढीली Prayagraj News

एसआरएन अस्‍पताल में चिकित्सक द्वारा लिखी गई दवा की पर्ची मरीज से ले ली जाती है। या तो मरीज को खुद लेकर मेडिकल स्टोर तक दलाल जाते हैं या बता देते हैं कि उसे दवा कहां से खरीदनी है।

By Edited By: Publish:Fri, 01 Nov 2019 07:45 PM (IST) Updated:Sat, 02 Nov 2019 01:49 PM (IST)
SRN Hospital : इलाज तो होता है मुफ्त पर दवा के लिए करनी पड़ती है जेब ढीली Prayagraj News
SRN Hospital : इलाज तो होता है मुफ्त पर दवा के लिए करनी पड़ती है जेब ढीली Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में इलाज तो मिल जाता है लेकिन दवा मिलेगी, इसकी गारंटी नहीं है। कुछ डॉक्टर ऐसे हैं जो ऐसी दवा लिखते हैं जो अंदर से मिलती ही नहीं। अस्पताल के बाहर खुले मेडिकल स्टोर पर वही दवा मरीज को महंगे दामों पर खरीदनी पड़ती हैं। अस्पताल में सैकड़ों दलाल ओपीडी व ओटी के आसपास घूमते रहते हैं।

अस्‍पताल परिसर में दवा दुकानों के दलाल सक्रिय

जैसे ही मरीज चिकित्सक के पास से बाहर निकलता है, उसे घेर लिया जाता है। यहां तक कि चिकित्सक द्वारा लिखी गई दवा की पर्ची भी मरीज से ले ली जाती है। या तो मरीज को खुद लेकर मेडिकल स्टोर तक जाते हैं या बता देते हैं कि उसे दवा कहां से खरीदनी है। पैथालॉजी के दलाल भी मरीजों व तीमारदारों से कुछ ऐसे ही पेश आते हैं।

ईसीजी मशीन लेकर खोजते हैं मरीज

अस्पताल में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो बैग में ईसीजी जांच करने वाली मशीन लेकर घूमते रहते हैं। चार से पांच सौ रुपये लेकर मरीजों की ईसीजी करते हैं। ब्लड व अन्य जांचों को लेकर भी यही हाल है। अस्पताल में केंद्रीय पैथालॉजी है लेकिन यहां सभी जांच नहीं हो पाती। वहां घूम रहे दलाल मरीजों को छूट का हवाला देते हुए अपने परिचित पैथालॉजी सेंटर पर ले जाते हैं।

सरकारी मेडिकल स्टोर पर सन्नाटा

एसआरएन परिसर में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र है। यहां से करीब 70 फीसद छूट पर दवाएं उपलब्ध होती हैं लेकिन यहां मरीजों को दवा नहीं मिल पाती है। यदि डॉक्टर पांच दवा लिखते हैं तो इसमें एक या दो दवा ही यहां उपलब्ध होती है। इस जन औषधि केंद्र के संचालकों का कहना है कि डॉक्टर ऐसी दवा लिखते हैं जो बाहर के मेडिकल स्टोर पर ही मिलती है।

एमएलएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने कहा

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह कहते हैं कि सभी विभागाध्यक्षों से कहा गया है कि किसी भी ओपीडी में दलाल नहीं आने चाहिए। इस संबंध में फिर विभागाध्यक्ष व डॉक्टरों के साथ बैठक करेंगे। यदि अस्पताल में कोई भी मरीजों को बहलाते पकड़ा जाएगा तो उसे पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा। 

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