Kumbh mela 2019 : कुंभ के सांस्‍कृतिक पंडालों में में देशी और विदेशी कलाकारों का दिखा संगम

कुंभ मेला क्षेत्र में इन दिनों आस्‍था की बयार बह रही है। सांस्‍कृतिक पंडालों में देशी और विदेशी कलाकारों की प्रस्‍तुति लोगों को प्रभावित करती है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 19 Jan 2019 05:10 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jan 2019 05:10 PM (IST)
Kumbh mela 2019 : कुंभ के सांस्‍कृतिक पंडालों में में देशी और विदेशी कलाकारों का दिखा संगम
Kumbh mela 2019 : कुंभ के सांस्‍कृतिक पंडालों में में देशी और विदेशी कलाकारों का दिखा संगम

कुंभनगर : कुंभ में देशी-विदेशी कलाकारों का संगम भी हो रहा है। मेला क्षेत्र के परेड में गंगा पंडाल में श्रीराम भारती कला केंद्र के कलाकारों ने तथा सेक्टर चार स्थित अक्षयवट पंडाल में त्रिनिदाद के कलाकारों ने रामलीला का मंचन किया। देशी और विदेशी कलाकारों का मंचन देख श्रद्धालु भाव विभोर हो गए।

बस्तर बैंड की अनूठी प्रस्तुति

संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रमों अनूप रंजन पांडेय के नेतृत्व में बस्तर बैंड की प्रस्तुत हुई, जिसमें मौलिक कलाकार दुर्लभ वाद्य यंत्रों से प्रस्तुतियां दी। अंतरराष्ट्रीय सितार वादक पार्थो बोस व बांसुरी वादक अजय प्रसन्ना ने भी अपनी प्रस्तुतियों से लोगों को मुग्ध कर दिया। अभय सिन्हा ने बिहार का झिझिया लोकनृत्य पेश किया।

अग्निहोत्री बंधुओं ने भजनों की रस गंगा बहाई

मशहूर भजन गायक अग्निहोत्री बंधु लखनऊ के भजनों की रस वर्षा हुई। पद्मश्री अनवर खां जैसलमेर मागरिहार गायन प्रस्तुत किए। बेगम अख्तर पुरस्कार प्राप्त सुधीर ने भजन प्रस्तुत किया। ऊषा किरन ने बिहार की झिझिया नृत्य प्रस्तुत किया। मध्य प्रदेश के सुधीर तिवारी का बरेदी नृत्य आकर्षक रहा। ज्योत्सना प्रयागराज ने नृत्य नाटिका प्रस्तुत किया। अंत में लखनऊ के ज्ञानेश्वर मिश्र व विनोद मिश्र की नाट््य प्रस्तुति हुई।

कला मंचों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम

इसके अलावा अन्य 20 कला मंचों पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। अरैल के सांस्कृतिक कला मंच पर ललितपुर के बुंदेलखंड लोक सांस्कृतिक मंडल द्वारा राई और सैरा की प्रस्तुत की गई। इस मंडल की ग्रुप लीडर सुधा देवी पांडेय तथा संयोजन हिमांशु ङ्क्षसह ने किया। मुराली लाल, जिगन लाल आदि वाद्यवृंद के कलाकारों ने नर्तकों को अपनी धुन पर जमकर नचाया। लोक सेवा आयोग के कला मंच पर जादूगर आफताब के हुनर का प्रदर्शन हुआ। चौफटका के कला मंच पर बेटियों की सुरक्षा बेटियों की शिक्षा तथा उनके सम्मान के लिए गाए जाने वाला लोक गायन प्रस्तुत किया गया।

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