Naendra Giri Death Case: 50 दिन बाद भी CBI महंत के कथित वीडियो का पता लगाने में नाकाम

सुसाइड नोट में महंत ने लिखा था कि एक महिला के वीडियो को कंप्यूटर के जरिए गलत ढंग से बनाया गया है जिसे उनसे जोड़कर वायरल करने की धमकी दी जा रही है। ऐसा आरोप महंत ने उस वक्त हरिद्वार में मौजूद रहे अपने शिष्य आनंद गिरि पर लगाया था।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Tue, 16 Nov 2021 09:00 AM (IST) Updated:Tue, 16 Nov 2021 09:00 AM (IST)
Naendra Giri Death Case: 50 दिन बाद भी CBI महंत के कथित वीडियो का पता लगाने में नाकाम
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) की टीम अब तक कथित वीडियो का पता नहीं लगा सकी है

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध दशा में मृत्यु की घटना हुए करीब 50 दिन हो चुके हैं, लेकिन केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) की टीम अब तक कथित वीडियो का पता नहीं लगा सकी है। जबकि उस वीडियो को ही घटना का अहम कारण माना जा रहा है। ऐसे में अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या जांच एजेंसी सिर्फ अभियुक्तों के वायस सैंपल के ही आधार पर अपनी जांच आगे बढ़ाएगी। चर्चा यह भी है कि आनंद गिरि के मोबाइल से मिली वाइस रिकार्डिंग में कथित वीडियो से संबंधित बातचीत है, जिसके लिए वायस सैंपल लेने की तैयारी है। नैनी जेल में बंद अभियुक्त आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी का वायस सैंपल लेने की अनुमति कोर्ट से कई दिन पहले मिल चुकी है। मगर अब तक सैंपल भी नहीं लिया जा सका है।

लैपटाप और आइपैड में भी नहीं मिला था वीडियो

अल्लापुर स्थित श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के जिस प्रतीक्षा कक्ष में 20 सितंबर को दिन में संदिग्ध हालात में महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु हुई थी, उसी कमरे से पुलिस ने कई पन्नों का सुसाइड नोट बरामद किया था। सुसाइड नोट में महंत ने यह भी लिखा था कि एक महिला के वीडियो को कंप्यूटर के जरिए गलत ढंग से बनाया गया है, जिसे उनसे जोड़कर वायरल करने की धमकी दी जा रही है। ऐसा आरोप महंत ने उस वक्त हरिद्वार में मौजूद रहे अपने शिष्य आनंद गिरि पर लगाया था। यह भी कहा जा रहा है कि सीबीआइ ने आनंद गिरि को हरिद्वार ले जाकर उसके आश्रम से  लैपटाप व आइपैड बरामद किया था, मगर कथित वीडियो उसमें भी नहीं मिल सका। अब जब अभियुक्तों का वायस सैंपल लेने की तैयारी है, तब उस वीडियो को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। फिलहाल सीबीआइ को इस केस की जांच करते डेढ़ माह से ज्यादा का वक्त हो चुका और अब तक वह किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है।

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