Coronavirus Effect in Prayagraj : जब अन्य अस्पतालों ने छोड़ा साथ तो यहां के डॉक्टरों ने निभाया फर्ज

जब कोरोना वायरस का प्रकोप शुरू हुआ तो एसआरएन व बेली अस्‍पताल को कोविड अस्पताल बना दिया गया। सामान्य मरीज इलाज के लिए कॉल्विन अस्‍पताल पहुंचने लगे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 10:48 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 10:48 PM (IST)
Coronavirus Effect in Prayagraj : जब अन्य अस्पतालों ने छोड़ा साथ तो यहां के डॉक्टरों ने निभाया फर्ज
Coronavirus Effect in Prayagraj : जब अन्य अस्पतालों ने छोड़ा साथ तो यहां के डॉक्टरों ने निभाया फर्ज

प्रयागराज, जेएनएन। लॉकडाउन में जब सभी अस्पतालों में सामान्य मरीजों का इलाज बंद हो गया था तो काल्विन अस्पताल ही लोगों का सहारा बना। डॉक्टरों ने अपना फर्ज निभाया और तीन माह के दौरान 41 हजार से अधिक मरीजों का इलाज किया। सिर्फ प्रयागराज ही नहीं कौशांबी, चित्रकूट व प्रतापगढ़ जनपद के भी मरीज पहुंच रहे हैं।

22 मार्च से पांच जुलाई तक 41,011 मरीजों का इलाज हुआ

जब कोरोना वायरस का प्रकोप शुरू हुआ तो स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल व तेज बहादुर सप्रू अस्पताल बेली को कोविड अस्पताल बना दिया गया। सामान्य मरीजों के इलाज पर रोक लग गई जिससे मायूस मरीज काल्विन अस्पताल पहुंचने लगे। यहां 24 घंटे इलाज की व्यवस्था रही। इसका परिणाम यह रहा है कि 22 मार्च से पांच जुलाई के बीच 41,011 मरीजों का इलाज किया गया। 93 गंभीर मरीजों के ऑपरेशन भी किए गए। इमरजेंसी सेवा भी जारी रही, जिसमें 3,585 मरीजों का इलाज हुआ। 17,473 मरीजों के ब्लड व यूरिन सैंपल की जांच भी पैथालॉजी में हुई।

प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक बोले

प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वीके सिंह कहते हैं कि कोरोना वायरस से बचाव करते हुए अस्पताल में मरीजों का इलाज जारी रहा। कोरोना से खुद का बचाव करते हुए अभी भी डॉक्टर, नर्स व पूरा स्टाफ मरीजों की सेवा में लगा है।

बेली में पहले दिन ही भर्ती हुए 20 पॉजिटिव मरीज

लंबे इंतजार के बाद बेली कोविड अस्पताल कोरोना मरीजों के लिए चालू करा दिया गया। पहले दिन ही 20 पॉजटिव मरीज भर्ती कराए गए। बेली को लेवल टू का कोविड अस्पताल बनाया गया है लेकिन अभी तक यह चालू नहीं किया गया था। कोरोना पॉजिटिव मरीजों को कोटवा बनी व एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा था। अब जब मरीजों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है तो बेली कोविड अस्पताल को चालू करा दिया गया।

कोरोना का पहला मरीज विदेशी नागरिक भर्ती किया गया

इस अस्पताल में कोरोना का पहला मरीज विदेशी नागरिक भर्ती किया गया। इसके बाद एक-एक कर यह संख्या 20 तक पहुंच गई है। इनके इलाज के लिए पांच डॉक्टरों को लगाया गया है। इसमें बेली के ही बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत पांडेय व डॉ. यूपी पांडेय, फिजिशियन डॉ. आरसी मौर्या व दो डॉक्टर अन्य अस्पतालों के हैं।

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