CAIT ने महाराष्ट्र में GST कराधान प्रणाली लागू करने के तरीके की आलोचना की, पीएम मोदी से की शिकायत Prayagraj News

महाराष्ट्र सरकार की इस कार्रवाई पर चिंता जताते हुए कैट के प्रदेश पदाधिकारी अजय अग्रवाल एवं दिनेश केसरवानी ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार का यह कदम एक गंभीर मुद्दा है। यह जीएसटी के कार्यान्वयन से पहले केंद्र और राज्यों के बीच स्थापित बुनियादी मुद्दों के खिलाफ है।

By Brijesh Kumar SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 08:46 AM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 04:16 PM (IST)
CAIT ने महाराष्ट्र में GST कराधान प्रणाली लागू करने के तरीके की आलोचना की, पीएम मोदी से की शिकायत Prayagraj News
कैट के प्रदेश पदाधिकारियों ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा जीएसटी कराधान प्रणाली लागू करने के तरीके की आलोचना की है।

प्रयागराज, जेएनएन। कनफेडरेशन आफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा जीएसटी कराधान प्रणाली लागू करने के तरीके की आलोचना की है। मामले में महाराष्ट्र सरकार द्वारा 12 जनवरी को जारी परिपत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान आकर्षित किया गया है, जिसका उद्देश्य एकीकृत जीएसटी को खंडित करना है और इसे संघीय भावना का उल्लंघन बताया गया है।

कनफेडरेशन आफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने महाराष्ट्र सरकार के जीएसटी के आधार को इस तरह बदलकर पेश करने से अन्य राज्यों के भी सीबीआइसी के प्रत्येक परिपत्र की अपने तरीके से व्याख्या करने का मार्ग भी प्रशस्त हो जाएगा जो कि जीएसटी कर प्रणाली के लिए नुकसानदायक होगा।

कैट के प्रदेश अध्यक्ष व चेयरमैन ने जताया विरोध

कैट के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल और चेयरमैन संजय गुप्ता ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार का एक परिपत्र 12 जनवरी को जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि अब तक के जीएसटी के कार्यान्वयन के लिए सीबीआइसी परिपत्र को अपना आधार मान रहे थे, लेकिन अब वह ऐसे सर्कुलर को नहीं अपनाएंगे। वह सीबीआइसी की स्पष्टीकरण की जांच करेंगे और उसी की जांच के बाद वह अपना स्वयं का परिपत्र जारी करेंगे। महाराष्ट्र सरकार की इस कार्रवाई पर चिंता जताते हुए अजय अग्रवाल एवं दिनेश केसरवानी ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार का यह कदम एक गंभीर मुद्दा है जो जीएसटी के कार्यान्वयन से पहले केंद्र और राज्यों के बीच स्थापित बुनियादी मुद्दों के खिलाफ है।

जीएसटी कर प्रणाली को और अधिक जटिल बना देगा : महेंद्र गोयल

कैट के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल ने कहा कि यदि राज्य इस तरह का व्यवहार करते हैं तो प्रत्येक राज्य अपने राज्य में जीएसटी कार्यान्वयन के लिए अलग-अलग नीतियां अपनाएंगे और व्यापारियों को हर पल सभी राज्यों की नीतियों के प्रति अपडेट रहना होगा जो बहुत कठिन है। पहले से ही जटिल जीएसटी कर प्रणाली को और अधिक जटिल बना देगा। लिहाजा इसका असामयिक पालन अथवा विरोध होगा।

बोले, सीबीआइसी से सर्कुलर जारी करने की प्रणाली एक समान होनी चाहिए

आशीष केसरी एवं मनीष शुक्ला ने कहा कि यह उल्लेखित करना जरूरी है कि देश भर में बड़ी संख्या में व्यापारी अंतर राज्यीय व्यवसाय में लगे हैं। इस तरह की कोशिशें हर राज्य करेंगे तो इससे उन व्यापारियों को नुकसान होगा, जो पहले से ही अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कैट का मानना है कि अगर इस प्रथा को जारी करने की अनुमति दी जाती है तो यह केंद्र और राज्यों के बीच और एक राज्य के साथ दूसरे राज्य के बीच के मुद्दों से अलग होने के लिए अन्य राज्यों को अधिकार देगा। इसलिए सीबीआइसी से सर्कुलर जारी करने की प्रणाली एक समान होनी चाहिए और सभी राज्यों के लिए बाध्यकारी होनी चाहिए।

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