बांकेबिहारी मंदिर कॉरिडोर: सरकार-सेवायत में विवाद सुलझाने को नियुक्त होंगे मध्यस्थ, हाई कोर्ट ने मांगा सुझाव

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि बांकेबिहारी मंदिर मथुरा कॉरिडोर मामले में सेवायतों के साथ उठे विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थ नियुक्त किया जाएगा। कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से मध्यस्थ के नाम के संबंध में सुझाव मांगा है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Fri, 24 Mar 2023 09:30 PM (IST) Updated:Fri, 24 Mar 2023 09:30 PM (IST)
बांकेबिहारी मंदिर कॉरिडोर: सरकार-सेवायत में विवाद सुलझाने को नियुक्त होंगे मध्यस्थ, हाई कोर्ट ने मांगा सुझाव
सरकार-सेवायत में विवाद सुलझाने को नियुक्त होंगे मध्यस्थ, हाई कोर्ट ने मांगा सुझाव

विधि संवाददाता, प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि बांकेबिहारी मंदिर मथुरा कॉरिडोर मामले में सेवायतों के साथ उठे विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थ नियुक्त किया जाएगा। कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से मध्यस्थ के नाम के संबंध में सुझाव मांगा है। साथ ही यह भी कहा है कि राज्य सरकार मध्यस्थ के लिए जिस नाम को प्रस्तावित करे, वह राष्ट्र स्तरीय अनुभवी व्यक्ति होना चाहिए।

प्रकरण में अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी। बता दें यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति एसडी सिंह की खंडपीठ ने अनंत शर्मा की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। विशेष अवसरों पर बांकेबिहारी मंदिर में बढ़ रही भीड़ को देखते हुए याचिका में सुरक्षात्मक उपाय किए जाने की मांग की गई है। इस पर सरकार ने कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया है लेकिन, मंदिर के सेवायत और आसपास के दुकानदारों ने कॉरिडोर बनाए जाने पर आपत्तियां उठाई हैं।

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सेवायतों तथा दुकानदारों की ओर से कहा गया राज्य सरकार कॉरिडोर निर्माण में उनकी नहीं सुन रही है। अधिवक्ता संकल्प गोस्वामी ने कहा कि कॉरिडोर बनाने में सरकार जो पैसा खर्च करेगी वह मंदिर को दान में चढ़ने वाले चढ़ावे से करेगी परंतु इसके लिए वह सेवायतों से कोई बात नहीं कर रही है। दुकानदारों की तरफ से इसके अलावा यह भी कहा गया कि कॉरिडोर में कुंज गली और मंदिर परिसर की पौराणिकता को क्षति न पहुंचाई जाए। मूल स्वरूप में कोई छेड़छाड़ न की जाए।

कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से पूछा कि कॉरिडोर निर्माण क्या मंदिर के अंदर भी होगा अथवा बाहर ही कराया जाएगा? अपर महाधिवक्ता ने बताया कि बाहर ही निर्माण होंगे। इस पर कोर्ट ने कॉरिडोर निर्माण का प्रस्तावित लेआउट प्लान भी मांगा। साथ ही जब मध्यस्थ नियुक्त करने के लिए कहा तो सभी पक्षों ने इस पर सहमति जताई। अगली सुनवाई पर कोर्ट मध्यस्थ को नियुक्त कर सकती है।

chat bot
आपका साथी