Allahabad High Court : केवाइसी अपडेट के नाम पर बैंक फ्राड की आरोपी कंपनी की याचिका खारिज

Allahabad High Court चार जनवरी 2020को शिकायतकर्ता को फोन आया और पेटीएम अपडेट के लिए केवाईसी मांगा तथा क्यूएसएफ को टीम वे -ईवेरैप पर अपलोड करने को कहा। इसके बाद पेटीएम में एक रुपया आया। फिर ओटीपी आया और 10लाख4 रुपये 90पैसे डेविट हो गया।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Wed, 07 Jul 2021 05:57 PM (IST) Updated:Wed, 07 Jul 2021 07:05 PM (IST)
Allahabad High Court : केवाइसी अपडेट के नाम पर बैंक फ्राड की आरोपी कंपनी की याचिका खारिज
कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट का क्षेत्राधिकार एफआइआर रद्द करने तक ही सीमित है,तथ्य पर निष्कर्ष निकालने का नहीं।

प्रयागराज,जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केवाईसी अपडेट के नाम पर बैंक फ्राड में सहभागी कंपनी इसरव्यू टेक्नोलॉजी प्रा लि कानपुर नगर के खिलाफ किदवई नगर थाने में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट का क्षेत्राधिकार एफआइआर रद्द करने तक ही सीमित है,तथ्य पर निष्कर्ष निकालने का नहीं। तथ्य की विवेचना कर निष्कर्ष निकालने का काम विवेचना अधिकारी का है। आरोप गंभीर है,इसलिए हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।

यह आदेश न्यायमूर्ति बच्चूलाल तथा न्यायमूर्ति शमीम अहमद की खंडपीठ ने प्राथमिकी की वैधता की चुनौती याचिका को खारिज करते हुए दिया है। याचिका में कहा गया था कि इस फ्राड में कंपनी की कोई भूमिका नहीं है। उसका बैंक खाता जब्त न किया जाए और प्रबंधन व कर्मचारियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए।

याची कंपनी का कहना था कि वह वित्तीय तकनीकी स्टार्ट अप कंपनी है। उसका काम डिजिटल वित्तीय लेनदेन प्रमोट करना है। ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराना है। बैंक फ्राड से उसका कोई संबंध नहीं है।

चार जनवरी 2020को शिकायतकर्ता को फोन आया और पेटीएम अपडेट के लिए केवाईसी मांगा तथा क्यूएसएफ को टीम वे -ईवेरैप पर अपलोड करने को कहा। इसके बाद पेटीएम में एक रुपया आया। फिर ओटीपी आया और 10लाख4 रुपये 90पैसे डेविट हो गया। फिर कई किश्तों में शिकायतकर्ता,उसकी पत्नी,बेटों के खाते से पैसे निकाल लिए गए। यह पैसे सद्दाम हुसैन के खाते में जमा हुए। उसने मेसर्स सिस्टेमेटिक सर्विसेज प्रा लि कंपनी को ट्रांसफर कर दिया। फिर याची के खाते में जमा कर दिया। याची का कहना था कि उसने कोई अपराध किया ही नहीं। सरकारी वकील का कहना था कि इसमें याची कंपनी की मुख्य भूमिका है।

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