इलाहाबाद हाई ​​​​​कोर्ट ने पुलिस चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद पुर्न विवेचना के आदेश पर लगाई रोक

Allahabad High Court इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस चार्जशीट पर कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद एसपी जौनपुर और एसएचओ शाहगंज द्वारा पुनर्विवेचना के आदेश पर रोक लगा दी है। साथ ही राज्य सरकार से याचिका पर चार हफ्ते में जवाब मांगा है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Fri, 07 Oct 2022 03:30 PM (IST) Updated:Fri, 07 Oct 2022 03:30 PM (IST)
इलाहाबाद हाई ​​​​​कोर्ट ने पुलिस चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद पुर्न विवेचना के आदेश पर लगाई रोक
पुलिस चार्जशीट पर कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद एसपी और एसएचओ द्वारा पुनर्विवेचना के आदेश पर रोक

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस चार्जशीट पर कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद एसपी जौनपुर और एसएचओ शाहगंज द्वारा पुनर्विवेचना के आदेश पर रोक लगा दी है। साथ ही राज्य सरकार से याचिका पर चार हफ्ते में जवाब मांगा है।

यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार तथा न्यायमूर्ति सैयद वैज मियां की खंडपीठ ने श्रेयस तिवारी उर्फ शिवम् तिवारी की याचिका पर दिया है।

याचिका पर अधिवक्ता वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी व वरूण मिश्र ने बहस की।

बिना किसी आधार दोबारा विवेचना का आदेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उल्लंघन

इनका कहना है कि अप्राकृतिक यौन उत्पीडन, मारपीट व दहेज उत्पीड़न के आरोप में दर्ज एफआइआर की पुलिस विवेचना के बाद चार्जशीट दाखिल कर दी गई। कोर्ट ने उस पर संज्ञान लेकर सम्मन भी जारी कर दिया गया। इसके बाद बिना किसी आधार और नये तथ्य के एसपी ने फिर से विवेचना करने का आदेश दिया है जो विनय त्यागी केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लघंन है।

नये साक्ष्य की संभावना पर पुनर्विवेचना की जा सकती है

इसके तहत न्यायहित में नये साक्ष्य की संभावना पर पुनर्विवेचना की जा सकती है। कोर्ट ने शिकायत कर्ता को नोटिस जारी की और कहा मुद्दा विचारणीय है। कोर्ट ने याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

chat bot
आपका साथी