इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह से सरकारी वकील की सक्षमता पर मांगा स्पष्टीकरण

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा अक्सर देखा गया है कि जानकारी उपलब्ध कराने के आदेश का पालन नहीं किया जाता और समय से मांगी गई जानकारी नहीं मिल पाती।जिस पर प्रमुख सचिव गृह से सफाई मांगी है। सुनवाई 7 दिसंबर को होगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 30 Nov 2022 10:30 PM (IST) Updated:Wed, 30 Nov 2022 10:30 PM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह से सरकारी वकील की सक्षमता पर मांगा स्पष्टीकरण
हाई कोर्ट ने न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने रोहित की जमानत अर्जी पर प्रमुख सचिव गृह से स्‍पष्‍टीकरण मांगा है।

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मांगी गई जानकारी उपलब्ध न कराने और सरकारी वकील द्वारा निराधार हलफनामा दाखिल करने पर नाराजगी जताई और प्रमुख सचिव गृह को 7 दिसंबर तक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर शासकीय अधिवक्ता के आचरण व सरकारी वकील की अक्षमता का स्पष्टीकरण पेश करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने रोहित की जमानत अर्जी पर दिया है।

कोर्ट ने सरकारी वकील को दो हफ्ते का दिया था समय : हाई कोर्ट ने 23 सितंबर को डीएनए जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए सरकारी वकील को दो हफ्ते का समय दिया था। अनुपालन हलफनामा दाखिल किया गया। इसमें बताया गया कि विवेचना अधिकारी ने फोरेंसिक साइंस लैबोरेट्री से संपर्क किया था तो बताया गया कि उन्हें अभी तक शैंम्पल ही प्राप्त नहीं हुआ है।

7 दिसंबर को होगी सुनवाई : कोर्ट ने कहा अपर शासकीय अधिवक्ता ने हलफनामा तैयार किया है। शासकीय अधिवक्ता कार्यालय से पत्र कब भेजा गया इसका कोई जिक्र नहीं है। कोर्ट ने कहा अक्सर देखा गया है कि जानकारी उपलब्ध कराने के आदेश का पालन नहीं किया जाता और समय से मांगी गई जानकारी नहीं मिल पाती।जिस पर प्रमुख सचिव गृह से सफाई मांगी है। सुनवाई 7 दिसंबर को होगी।

भोजपुरी फिल्म के निदेशक के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भोजपुरी फिल्म के निदेशक मिथिलेश निषाद के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है।और चार सप्ताह में राज्य सरकार व विपक्षियों से जवाब मांगा है।

यह आदेश न्यायमूर्ति गौतम चौधरी ने मिथिलेश निषाद

की याचिका पर दिया है।

याची के अधिवक्ता शरदेंदु मिश्रा एवं जय शंकर मिश्रा ने तर्क दिया कि याची

के खिलाफ परिवाद कायम किया गया है। ये लोग याची केसाथ

काम करने वाले ही हैं। जिस पर कोर्ट ने याची के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।

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