गोली मारकर हत्या के तीन दोषियों को हाई कोर्ट से मिली राहत, उम्र कैद की सजा रद, बरी करने का आदेश

हाईकोर्ट ने मुजफ्फरनगर में हत्या के मामले के दोषियों की अपील मंजूर करते हुए बरी कर दिया है। साथ ही हत्या के आरोप में आजीवन कैद की सजा रद कर दी। हाई कोर्ट ने जेल में बंद दो आरोपियों करीम व शहजाद को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Tue, 25 Jan 2022 05:38 PM (IST) Updated:Tue, 25 Jan 2022 05:38 PM (IST)
गोली मारकर हत्या के तीन दोषियों को हाई कोर्ट से मिली राहत, उम्र कैद की सजा रद, बरी करने का आदेश
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा- अभियोजन संदेह से परे अपराध साबित करने में नाकाम

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर क्षेत्र में हत्या के मामले के दोषियों की अपील मंजूर करते हुए बरी कर दिया है। साथ ही हत्या के आरोप में आजीवन कैद की सजा रद कर दी। हाई कोर्ट ने जेल में बंद दो आरोपियों करीम व शहजाद को तत्काल रिहा करने तथा जमानत पर छूटे अन्य आरोपी वाजिद को बंधपत्र से मुक्त कर दिया है।

गोली मारकर कत्ल और घटनास्थल पर खून का कतरा नहीं

यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति सीके राय की खंडपीठ ने करीम वाजिद व शहजाद की सजा के खिलाफ अपील को मंजूर करते हुए दिया है। हाई

कोर्ट ने कहा कि पुलिस विवेचना में झोल है। जिन दो चश्मदीद गवाहों का बयान लिया, उनकी गवाही नहीं कराई। जिन चश्मदीद की गवाही हुई उनका घटनास्थल पर मौजूद होना संदिग्ध है। देशी तमंचे से गोली मारकर हत्या का आरोप और कथित घटनास्थल पर खून का न पाया जाना संदेह पैदा करता है।

बिजली नहीं थी तो फिर कैसे थी रोशनी

घटना स्थल पर रोशनी का श्रोत नहीं बताया गया। यह स्पष्ट है कि उस समय बिजली नहीं थी। एक गवाह ने कहा कि लाश खेत में ट्यूबबेल के पास थी। पुलिस ने विवेचना ठीक से नहीं की। संदेह से परे अपराध साबित करने में पुलिस पूरी तरह से विफल रही है। एफआइआर के अनुसार दीपक अपनी मां कौशल देवी के साथ भाई राहुल के घर पर था। 29 जुलाई 2012 को सुबह पांच बजे आरोपित देशी पिस्टल और असलहे के साथ आए और राहुल पर फायरिंग के बाद धमकाते हुए भाग गए। राहुल को अस्पताल में डाक्टर ने मृत घोषित किया।

एक शख्स ने पुलिस को बताया कि उसने करीम को पकड़ लिया था। छुड़ा कर भाग गया। उसकी गवाही नहीं कराना अभियोजन की कहानी पर संदेह पैदा करता है। रिश्तेदारों की गवाही से नहीं लगता कि वे घटना स्थल पर मौजूद थे। कोर्ट ने सत्र न्यायालय द्वारा सुनाई गई सजा रद करते हुए बरी कर दिया है।

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