इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बर्खास्त होमगार्डों को वेतन सहित बहाल करने का दिया निर्देश

पुलिस कांस्टेबल के बराबर न्यूनतम वेतन मांगने पर डिविजनल कमांडेंट होमगार्ड बस्ती मंडल ने बिना विभागीय जांच किये छह होमगार्डों को बर्खास्त कर दिया था।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Thu, 25 Jun 2020 08:33 PM (IST) Updated:Thu, 25 Jun 2020 08:33 PM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बर्खास्त होमगार्डों को वेतन सहित बहाल करने का दिया निर्देश
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बर्खास्त होमगार्डों को वेतन सहित बहाल करने का दिया निर्देश

प्रयागराज, जेएनएन। पुलिस कांस्टेबल के बराबर न्यूनतम वेतन मांगने पर डिविजनल कमांडेंट होमगार्ड बस्ती मंडल ने बिना विभागीय जांच किये छह होमगार्डों को बर्खास्त कर दिया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उस आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि आदेश प्रथम दृष्टया दुर्भावनापूर्ण प्रतीत होता है। कोर्ट ने छह याची होमगार्डों को तत्काल बहाल कर वेतन भुगतान का निर्देश दिया है। साथ ही राज्य सरकार से पूछा है कि क्यों न अंतरिम आदेश को स्थायी कर दिया जाय। सरकार को चार सप्ताह में जवाब देने को कहा गया है। याचिका पर अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने धर्मात्मा प्रसाद शुक्ल व पांच अन्य होमगार्डों की याचिका पर दिया है। याचिका के अनुसार याचियों ने कांस्टेबल के समान न्यूनतम वेतन के बराबर ड्यूटी भत्ते की मांग में प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन से खीझे अधिकारियों ने याचियों को बर्खास्त कर दिया। इसके बाद याचियों ने होमगार्ड प्रभारी मंत्री से गुहार लगाई। मंत्री ने याचियों को बहाल करने का आदेश दिया। लेकिन, मंत्री के आदेश का पालन नहीं किया गया। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट की शरण ली।

कोर्ट ने डिविजनल कमांडेंट होमगार्ड बस्ती मंडल को एक माह में सकारण आदेश पारित करने का निर्देश दिया। 20 फरवरी 2020 के आदेश से प्रत्यावेदन यह कहते हुए निरस्त कर दिया गया कि याचियों ने अनुशासनहीनता की और विभाग की छवि खराब की। इस आदेश को चुनौती दी गयी है। कोर्ट ने बर्खास्तगी व प्रत्यावेदन निरस्त करने के आदेशों को निलंबित कर दिया है और तत्काल बहाल करने का निर्देश दिया है।

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