टिड्डी दल के हमले की आशंका, प्रयागराज में कृषि विभाग अलर्ट, पिछले साल दस दिन में तीन बार हुआ था हमला

उप निदेशक कृषि विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि टिड्डी दलों के आने वाले संभावित स्थल का चिह्नीकरण कराया जा रहा है। ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर पावर स्प्रयेर समेत छिड़काव के लिए दवाओं का इंतजाम कर लिया गया है।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Sat, 22 May 2021 07:00 AM (IST) Updated:Sat, 22 May 2021 10:33 AM (IST)
टिड्डी दल के हमले की आशंका, प्रयागराज में कृषि विभाग अलर्ट, पिछले साल दस दिन में तीन बार हुआ था हमला
टिड्डी दल के हमले की आशंका की सूचना पर कृषि विभाग के अफसर अलर्ट मोड में आ गए हैैं।

 प्रयागराज, [अतुल यादव]। पिछली साल की तरह संगमनगरी और उसके आसपास फिर टिड्डी दल के हमले की आशंका है। कृषि विभाग के अफसर सूचना मिलने के बाद अलर्ट मोड में आ गए हैैं। टिड्डी दल से मुकाबले की तैयारियां की जाने लगी हैैं। 

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन की तरफ से जारी पूर्वानुमान के अनुसार, राजस्थान में टिड्डी दलों का हमले हो सकता है। वर्ष 2020-21 में भी राजस्थान से मप्र होते हुए पहुंचे टिड््डी दलों ने प्रयागराज समेत आसपास के जिलों में आम और अन्य फसल चट कर दी थी। कृषि निदेशक डॉ. एपी श्रीवास्तव का पत्र मिलने के बाद उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी व कृषि रक्षा अधिकारी समेत जिलास्तरीय अधिकारी सचेत हो चले हैैं। आसन्न परिस्थितियों से मुकाबले की तैयारियां की जाने लगीं है। विभागीय अधिकारियों का कहना है विकासखंड और जनपद स्तर पर टीमें बनाई जा रही हैैं। यह टीमें किसानों और ग्रामीणों को जागरूक करेंगी। पिछली बार जून महीने में टिड्डी दल दाखिल हुआ था। यमुनापार और गंगापार के ग्रामीण इलाकों के अलावा शहरी क्षेत्र में भी यह जहां तहां दिखाई दिए थे। उप निदेशक  कृषि विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि टिड्डी दलों के आने वाले संभावित स्थल का चिह्नीकरण कराया जा रहा है। ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर, पावर स्प्रयेर समेत छिड़काव के लिए दवाओं का इंतजाम कर लिया गया है।

कृषि रक्षा रसायन का होगा छिड़काव

टिड्डी दलों से फसलों को बचाने के लिए कृषि रक्षा रसायनों का छिड़काव फायदेमंद माना जाता है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी इंद्रजीत यादव के अनुसार क्लोरपाइरीफास 20 फीसद ईसी, लैम्डासाइहेलोथ्रिन पांच फीसद ईसी, लैम्डासाइहेलोथ्रिन 10 फीसद डब्ल्यूपी, मैलाथियान 50 फीसद ईसी, डेल्टामेथ्रिन 2.8 फीसद ईसी, फिप्रोनिल पांच फीसद एससी, फिप्रोनिल 2.8 फीसद ईसी घोल का छिड़काव करने पर टिड्डी दल नुकसान नहीं पहुंचा पाते।

दस दिन के अंतराल में तीन बार हमला

पिछले साल 10 दिन में तीन बार टिड्डी दल ने हमला किया था। जिला कृषि अधिकारी अश्वनी कुमार के मुताबिक, नौ जून को पहला टिड्डी दल कोरांव पहुंचा था। यह एक किलोमीटर चौड़ा व तीन किलोमीटर लंबा था। करीब 10 दिन बाद दूसरा झुंड शंकरगढ़ में दिखा। तीसरा दल 10 दिन के अंतराल में बहादुरपुर में आया। इससे सब्जी व आम की फसल फसल बर्बाद हो गई थी। आम, पीपल, बरगद, कटहल, महुआ समेत करीब 800 पेड़ों की पत्तियों को टिड्डी चट कर गए थे। बचाव में केंद्रीय टीम फरीदाबाद से आई थी। पॉवर माउंटेड स्पेयर मशीन से रासायनिक पदार्थों के घोल का छिड़काव कराया गया था।

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