महिलाओं के साथ पुरुष का पहनावा भी हो शालीन

By Edited By: Publish:Mon, 16 Apr 2012 11:31 PM (IST) Updated:Tue, 17 Apr 2012 12:32 AM (IST)
महिलाओं के साथ पुरुष का पहनावा भी हो शालीन

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : प्रार्थना के समय इंसान का तन पूरी तरह से ढका होना चाहिए। यह नियम न सिर्फ महिलाओं का बल्कि पुरुषों के ऊपर भी लागू होता है। आराधना स्थल पर किसी को अपना ग्लैमलर दिखाने की जरूर नहीं है। बल्कि तन और मन से इंसान का पवित्र होना आवश्यक है। यह कहना है इलाहाबाद के विभिन्न धर्माचार्यो का। कोलकाता के आर्क बिशप थामस डिसूजा द्वारा चर्च में महिलाओं को पूरा तन ढककर आने के लिए दी गई नसीहत का सबने समर्थन किया है। उनका कहना है कि भड़कीले कपड़ों से सबका ध्यान भंग होता है, इसका असर प्रार्थना पर पड़ता है। इसका सबको ध्यान देना चाहिए।

टीकरमाफी आश्रम के महंत स्वामी हरिचैतन्य ब्रह्मचारी का कहना है कि प्रार्थना के समय हम स्वयं को परमात्मा के प्रति समर्पित करना आवश्यक है। यह तभी संभव होगा जब तन और मन से पवित्र होंगे। प्रार्थना के समय महिलाओं के साथ पुरुष का सिर से लेकर पूरा तन स्वच्छ कपड़ों से ढका होना चाहिए। जो ऐसा नहीं करता वह पाप का भागीदार बनता है, क्योंकि इससे प्रार्थना खंडित होती है। श्री गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष सरदार जोगिंदर सिंह कहते हैं कि प्रार्थना स्थलों पर अश्लील कपड़े पहनने पर रोक लगना आवश्यक है। हम भिखारी हैं जो अपनी मुराद पूरी कराने के लिए वहां जाते हैं न कि अपने शरीर की नुमाइश करने के लिए। इसलिए इंसान को परमात्मा के दर पर नम्रता से जाना चाहिए। मुस्लिम धर्माचार्य सैयद अबरार कहते हैं कि हमारे शरीर में कपड़ों का बहुत अधिक महत्व है। कहां कैसे कपड़े पहनना चाहिए इसका ज्ञान होना आवश्यक है।

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