69000 शिक्षक भर्ती : यूपी में अन्य संस्थानों की लंबित भर्तियों ने कठिन कर दी शिक्षक चयन की राह
यूपी के अन्य भर्ती संस्थानों की लेटलतीफी का खामियाजा प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने के दावेदारों को उठाना पड़ रहा क्योंकि अब शिक्षक पद पर नियुक्ति पाना काफी मुश्किल हो गया है।
प्रयागराज [धर्मेश अवस्थी]। उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में 69000 शिक्षक भर्ती में हर पद पर चयन पाने के लिए दो से अधिक दावेदार हैं। लिखित परीक्षा में अधिक अभ्यर्थियों के उत्तीर्ण होने का कारण अन्य शिक्षक भर्तियां हैं। कई परीक्षा संस्थाओं में माध्यमिक व डिग्री कालेजों के लिए एलटी ग्रेड, टीजीटी-पीजीटी व असिस्टेंट प्रोफेसर का चयन वर्षों से चल रहा है। इन भर्तियों में शामिल होने वालों को प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाने का अवसर मिला तो उन्होंने अपनी मेधा का परचम लहराया। साथ ही प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाने के लिए तैयारी करने वालों की शिक्षक बनने की राह बेहद कठिन कर दी है।
उत्तर प्रदेश के अन्य भर्ती संस्थानों उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की लेटलतीफी का खामियाजा प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने के दावेदारों को उठाना पड़ रहा है, क्योंकि अब शिक्षक पद पर नियुक्ति पाना काफी मुश्किल हो गया है। आगे परिषदीय स्कूलों के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि भविष्य में इनके अन्य बड़े स्कूलों में शिक्षक बनने का अवसर मिलने पर वे प्राथमिक स्कूल छोड़ सकते हैं।
अभी अन्य भर्ती संस्थानों में लंबित भर्तियां आगे नहीं बढ़ रही हैं इसलिए लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले प्राथमिक स्कूल में भी पढ़ाने को तैयार हैं। बता दें कि माध्यमिक और डिग्री कालेजों में शिक्षक पद पर नियुक्ति पाने के लिए बीएड प्रशिक्षण योग्यता अनिवार्य है। बीएड अभ्यर्थियों ने ही 69000 शिक्षक भर्ती में सफल होने का रिकॉर्ड बनाया है।
ये भर्तियां इन आयोगों में लंबित
68500 के शिक्षक भी दावेदार
69000 पदों पर चयन के लिए 68500 भर्ती में शिक्षक बन चुके अभ्यर्थी भी दावेदार हैं। हालांकि उनकी संख्या बहुत अधिक नहीं है। मनचाहे जिले में तैनाती पाने के लिए उन्होंने यह भर्ती परीक्षा दी थी।