फिर परवान चढ़ेगी मुद्रा योजना

जासं, इलाहाबाद : सूबे में भाजपा सरकार बनने के साथ ही प्रधानमंत्री मुद्रा योजना एक बार फिर परवान चढ़े

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Mar 2017 01:00 AM (IST) Updated:Sat, 25 Mar 2017 01:00 AM (IST)
फिर परवान चढ़ेगी मुद्रा योजना
फिर परवान चढ़ेगी मुद्रा योजना

जासं, इलाहाबाद : सूबे में भाजपा सरकार बनने के साथ ही प्रधानमंत्री मुद्रा योजना एक बार फिर परवान चढ़ेगी। दो साल पहले प्रधानमंत्री मुद्रा योजना शुरू हुई थी। तब योजना के अंतर्गत बैंकों ने जबर्दस्त लोन बांटा था। अब एक बार फिर छोटे व्यापारियों को उम्मीद जगी है कि उनको मुद्रा लोन मिल जाएगा।

प्रधानमंत्री ने छोटे उद्यमियों को कारोबार करने के लिए बैंकों से लोन उपलब्ध कराने के लिए आठ अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का शुभारंभ किया था। योजना के अंतर्गत तीन प्रकार (शिशु, किशोर और तरुण) के लोन थे। शिशु लोन में 50 हजार तक का लोन मिलने की व्यवस्था थी। किशोर लोन में 50 हजार से पाच लाख और तरुण लोन में पाच लाख से 10 लाख तक का लोन मिल सकता था। जनपद में आठ अप्रैल 2015 से लेकर 20 जुलाई 2016 तक लगभग साढ़े 31 हजार लोगों को लोन दिया गया था। इसमें साढ़े 26 हजार लोन शिशु थे। चार हजार से अधिक किशोर और नौ सौ के करीब तरुण लोन हुए थे। इसके पश्चात बैंकों ने मुद्रा योजना के अंतर्गत लोन बांटने की रफ्तार को थोड़ा धीमा कर दिया। लेकिन अब प्रदेश में भाजपा की सरकार बन गई है। इसलिए इस पर विशेष ध्यान रहेगा। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी भी कह चुके हैं उनकी सरकार की प्राथमिकता में औद्योगिक विकास रहेगा। इसके लिए नई औद्योगिक नीति भी तैयार की जा रही है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजना में शामिल है। इसलिए भी प्रदेश सरकार का इस पर फोकस रहेगा। प्रदेश में छोटे व्यापारियों की संख्या लाखों में है। लीड बैंक (बैंक ऑफ बड़ौदा) मैनेजर विजय शर्मा का कहना है कि बैंकों में मुद्रा योजना के अंतर्गत नियम लोन आवंटित किए जाते हैं। जब योजना आई थी तो बड़े पैमाने पर लोन बांटे गए थे। बैंक अभी भी अपना टारगेट पूरा कर रहे हैं।

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योजना का उद्देश्य

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब तबके के छोटे-छोटे कारोबार करने वालों का उत्थान करना है। इस योजना से पहले बैंकों से 50 हजार तक का लोन लेना भी बहुत मुश्किल होता था। कारण गारंटर नहीं मिलने पर लोन नहीं दिया जाता था। अब छोटे कारोबारियों को इस समस्या से मुक्ति मिल गई है।

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