मइया आपकी कृपा से सब काम हो रहा है..
जासं, इलाहाबाद : सुनकर हैरत होती है और खुशी भी। माघ मेला क्षेत्र में नोट बंदी का कोई असर नहीं है। मज
जासं, इलाहाबाद : सुनकर हैरत होती है और खुशी भी। माघ मेला क्षेत्र में नोट बंदी का कोई असर नहीं है। मजदूरों को समय से मजदूरी मिल रही है और नाविकों को फुटकर भाड़ा। न हाय हाय, न चिक चिक। यहां तक कि पूजा सामग्री की दुकान लगाने वाले भी समस्या से अनभिज्ञ हैं। परेशानी की बात पर कहते हैं कि यहां तो गंगा मइया की कृपा से सबकुछ ठीकठाक चल रहा है।
पीपा पुल के निर्माण में लगे संजय, राजन, उमेश आदि की मानें तो मेला क्षेत्र से बाहर जाने पर ही उन्हें यह बात सुनाई पड़ती है। यहां आते ही फिर सबकुछ सामान्य हो जाता है। कैसे? इसके पीछे गंगा मइया की ओर इशारा करते हैं। कहते हैं कि मजदूरी में उन्हें सौ-सौ की नोट दी जाती है, वह भी समय पर। कुछ मजदूरों ने बताया कि उन्हें दस दिन की इकट्ठी मजदूरी मिलती है। 80 फीसद मजदूरों ने अभी तक दो हजार व पांच सौ के नए नोट नहीं देखे हैं। कहते हैं कि जब छोटे नोटों से काम चल जा रहा है तो फिर बड़ी नोट देखकर क्या करेंगे।
संगम व उसके आसपास के घाटों पर माघ मेले की तैयारियों में लगे नाविक भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं। कहते हैं कि अभी तक तो उन्हें नोट बंदी से कोई दिक्कत पेश नहीं आई। यहां आने वाले लोग उन्हें छोटे नोट ही दे रहे हैं। संगम नोज पर डेरा जमाए सुनील, बजरंगी, संजय, भीम, उमेश, विजय आदि की मानें तो आज तक नोट बंदी से उन्हें तो कोई परेशानी नहीं हुई। बजरंगी कहते हैं कि सरकार का यह अच्छा निर्णय है। इससे काला धन जरूर बाहर आएगा। नाविक भी इसके पीछे गंगा मइया की महिमा बताते हैं। इतना ही नहीं संगम क्षेत्र के दुकानदारों पर भी नोट बंदी का असर नहीं दिखता।