यूपी बोर्ड की मंशा में विधानसभा चुनाव आड़े

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से भले ही खलल न पड़े

By Edited By: Publish:Wed, 28 Sep 2016 09:18 PM (IST) Updated:Wed, 28 Sep 2016 09:18 PM (IST)
यूपी बोर्ड की मंशा में विधानसभा चुनाव आड़े

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से भले ही खलल न पड़े, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं की कोडिंग का दायरा नहीं बढ़ाया जा सकेगा। बोर्ड के अफसर इस बार कोडिंग (क्रमांक) वाली उत्तरपुस्तिकाएंकरीब 50 जिलों में भेजने की तैयारी में थे, लेकिन राजकीय मुद्रणालय ने नए जिलों को समय पर कॉपियां उपलब्ध कराने में असमर्थता जताई है। ऐसे में अब केवल 31 जिलों में ही कोडिंग वाली कॉपियों का फिर प्रयोग किया जा सकेगा।

माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2017 की तैयारियां तेज हो गई हैं। नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने एवं उत्तर पुस्तिकाओं की हेराफेरी रोकने के लिए कापियों की कोडिंग फिर कराई जा रही है। शासन ने पिछले वर्ष प्रदेश के संवेदनशील जिलों का चयन कराया और निर्देश दिया कि चिन्हित 31 जिलों में कोडिंग वाली कापियां प्रयोग की जाए। बोर्ड के अफसरों की मानें तो इस प्रयोग का अच्छा अनुभव रहा है, इसलिए संवेदनशील जिलों का दायरा बढ़ाने की तैयारी थी। इस बार प्रदेश के करीब 50 जिलों में कोडिंग वाली कॉपियां भेजे जाने की योजना थी, लेकिन राजकीय मुद्रणालय की ओर से कहा गया कि नए जिलों में वह समय पर कॉपियां नहीं दे पाएंगे, क्योंकि विधानसभा चुनाव का कार्य अब लगातार होना है।

तय हुआ कि 31 जिलों में कोडिंग वाली कॉपियां जरूर भेजी जाएंगी। नए जिलों को 2018 की परीक्षा में शामिल किया जाएगा। परिषद सचिव शैल यादव ने बताया कि उनकी तैयारी है कि धीरे-धीरे प्रदेश के सभी जिलों में हाईस्कूल व इंटर का पूरा इम्तिहान कोडिंग वाली कॉपियों पर ही हो। उसी दिशा में काम कर रहे हैं।

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इन जिलों की कापियों की कोडिंग

आगरा, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, एटा, मैनपुरी, फीरोजाबाद, कासगंज, शाहजहांपुर, बदायूं, मुरादाबाद, संभल, इलाहाबाद, कौशांबी, हरदोई, कानपुर नगर, कानपुर देहात, फतेहपुर, चित्रकूट, गाजीपुर, आजमगढ़, बलिया, देवरिया, जौनपुर, गोंडा, अंबेडकर नगर, सुलतानपुर, भदोही, संतकबीर नगर, सिद्धार्थ नगर व कुशी नगर।

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2013 में हुआ कोडिंग का शुभारंभ

बोर्ड परीक्षा में कोडिंग युक्त कॉपियों का चलन सबसे पहले 2013 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा में लागू किया गया। उस समय जिलों में इंटर की परीक्षा कोडिंग वाली कापियों के जरिये हुई, जबकि हाईस्कूल की परीक्षा में कोडिंग की कापियों का प्रयोग केवल दस जिलों में हुआ। बोर्ड ने 2014 की परीक्षा भी केवल दस जिलों में ही हाईस्कूल व इंटर दोनों का इम्तिहान कोडिंग वाली कापियों पर कराया। 2015 में इस पर अमल नहीं हुआ।

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