संजीवनी ब्लड बैंक सीज, टेक्नीशियन गिरफ्तार

जासं, इलाहाबाद : शहर के बीचों बीच स्मैकियों और नशेड़ियों का खून लेकर उसे महंगे दामों पर बेचने के एक अ

By Edited By: Publish:Wed, 31 Aug 2016 12:33 AM (IST) Updated:Wed, 31 Aug 2016 12:33 AM (IST)
संजीवनी ब्लड बैंक सीज, टेक्नीशियन गिरफ्तार

जासं, इलाहाबाद : शहर के बीचों बीच स्मैकियों और नशेड़ियों का खून लेकर उसे महंगे दामों पर बेचने के एक अवैध धंधे का प्रशासनिक टीम ने मंगलवार को खुलासा किया। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने कर्नलगंज में छापा मारकर अवैध रूप से चल रहे संजीवनी ब्लड बैंक को सीज कर दिया। मौके से टेक्नीशियन को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने संचालक और टेक्नीशियन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

प्रशासन को सूचना मिली थी कि कर्नलगंज थानाक्षेत्र में एक अवैध ब्लड बैंक का संचालन हो रहा है। जिसमें स्मैकियों आदि नशेड़ियों का खून खरीदकर महंगे दामों पर बेचा जाता है। ऐसे में जिलाधिकारी संजय कुमार ने प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, औषधि और पुलिस विभाग की एक संयुक्त टीम बनाई। टीम ने एडीएम सिटी डॉ. बिपिन मिश्रा के नेतृत्व में छापा मारा तो एसएम मेडिकेयर प्रा. लि. में अवैध रूप से संचालित संजीवनी ब्लड बैंक में तीन यूनिट खून पकड़ा गया। इस ब्लड बैंक के संचालन के लिए किसी तरह का लाइसेंस आदि नहीं था। टीम ने मौके पर ही टेक्नीशियन दिनेश यादव को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही ब्लड बैंक को सीज करते हुए वहां के सारे दस्तावेज जब्त कर लिए।

औषधीय निरीक्षक मुकेश चंद जैन की तहरीर पर पुलिस ने ब्लड बैंक संचालक संजीव सिकोरिया निवासी कानपुर व टेक्नीशियन दिनेश यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। जिसमें आरोपियों पर अवैध रूप से खून का एकत्रीकरण और विक्रय करने का आरोप लगाया गया है। कार्रवाई में सीएमओ डॉ. आलोक वर्मा, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी जियालाल, केसी गुप्ता उपायुक्त औषधि विभाग, अपर नगर मजिस्ट्रेट आशीष मिश्रा और कर्नलगंज पुलिस भी शामिल थी।

छह-सात यूनिट खून की बिक्री प्रत्येक दिन

इलाहाबाद : छापे में शामिल अपर सिटी मजिस्ट्रेट आशीष मिश्र ने बताया कि मिले रिकार्ड के अनुसार प्रतिदिन छह से सात यूनिट खून बेचा जाता था। मंडलायुक्त राजन शुक्ला व जिलाधिकारी संजय कुमार ने इस तरह अवैध ढंग से संचालित सारे ब्लड बैंक बंद कराने के लिए अभियान चलाने के भी निर्देश दिए हैं।

उफ! लाल खून का काला धंधा

इलाहाबाद : बीच शहर में जिस तरह लाल खून का काला धंधा खुलेआम चल रहा था। वह सरकारी लापरवाही का प्रत्यक्ष प्रमाण है। प्रशासनिक सूत्र बताते हैं कि जिले में इस तरह के कई ब्लड बैंक चल रहे हैं। जिन्हें बंद कराने के लिए जिलाधिकारी ने बेहद सख्त रवैया अपना लिया है।

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