राजस्थान के सुदूर इलाकों में भी दौड़ेगी इलेक्ट्रिक ट्रेन

प्रमोद यादव, इलाहाबाद : आने वाले दिनों में गुजरात व राजस्थान के सुदूर इलाकों में भी बिजली से चलने वा

By Edited By: Publish:Sun, 05 Jun 2016 01:00 AM (IST) Updated:Sun, 05 Jun 2016 01:00 AM (IST)
राजस्थान के सुदूर इलाकों में भी दौड़ेगी इलेक्ट्रिक ट्रेन

प्रमोद यादव, इलाहाबाद : आने वाले दिनों में गुजरात व राजस्थान के सुदूर इलाकों में भी बिजली से चलने वाली ट्रेनें दौड़ेंगी। इसके लिए केंद्रीय रेलवे विद्युतीकरण संगठन (कोर) इलाहाबाद ने तैयारी कर ली है। अहमदाबाद और जयपुर में एक-एक प्रोजेक्ट डायरेक्टर की तैनाती भी कर दी गई है। इस सत्र में अहमदाबाद से कलोल के बीच रेल टै्रक का विद्युतीकरण किया जाएगा।

डीजल इंजन के धुएं से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए रेलवे अब अधिक से अधिक रूटों पर इलेक्ट्रिक इंजन की ट्रेन चलाने के मिशन पर काम कर रहा है। इसके लिए देशभर के रेल नेटवर्क का विद्युतीकरण करना होगा। कई सालों में केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन देशभर के कुल रेल रूट का करीब आधा ही विद्युतीकरण कर पाया है। इसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश और बिहार के रूट पर इलेक्ट्रिक से ट्रेनें चलती हैं। उत्तर प्रदेश के लिए कुल 8919 किलोमीटर रेल ट्रैक में से 4714 किलोमीटर का विद्युतीकरण किया जा चुका है। ऐसा ही बिहार और कुछ अन्य प्रदेशों में है। सबसे खराब स्थिति गुजरात और राजस्थान की है। इन दोनों राज्यों में अधिकतर ट्रेनों को डीजल इंजन से ही दौड़ाया जा रहा है। राजस्थान में अब तक अलवर से रेवाड़ी के बीच और उत्तर प्रदेश से सटे कुछ स्टेशनों तक ही विद्युतीकरण हैं। वहीं गुजरात में अहमदाबाद से रतलाम और कल्याण रूट पर इलेक्ट्रिक इंजन की ट्रेन चलती हैं। अब इन राज्यों में अधिकतर रूटों पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन दौड़ाने के लिए कोर ने योजना बनाई है। कोर के महाप्रबंधक महेश मंगल ने बताया कि अहमदाबाद और जयपुर में एक-एक चीफ प्रोजेक्ट डायरेक्टर की तैनाती कर दी गई है। इस सत्र में अहमदाबाद से कलोल के बीच विद्युतीकरण का काम पूरा हो जाएगा। वहीं राजस्थान में भी कई रेल रूटों का विद्युतीकरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब तक देश भर में 27 हजार 999 किलोमीटर रूट पर इलेक्ट्रिक इंजन की ट्रेनें चलती हैं, जो कुल रूट का 42.4 फीसद ही है। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक इंजन से संचालन पर ट्रेनों की गति बढ़ेगी, प्रदूषण भी कम होगा और संचालन खर्च में भी कमी आएगी।

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