पढ़े हैं 'फारसी', बेचेंगे तेल

हिमांशु मिश्र, इलाहाबाद : एक लोकोक्ति है पढ़ैं फारसी बेचैं तेल, यह देखो कुदरत का खेल। गुरुवार को सेव

By Edited By: Publish:Fri, 28 Aug 2015 01:55 AM (IST) Updated:Fri, 28 Aug 2015 01:55 AM (IST)
पढ़े हैं 'फारसी', बेचेंगे तेल

हिमांशु मिश्र, इलाहाबाद : एक लोकोक्ति है पढ़ैं फारसी बेचैं तेल, यह देखो कुदरत का खेल। गुरुवार को सेवायोजन कार्यालय परिसर में आयोजित रोजगार मेले में सेल्स एक्जीक्यूटिव बनने के लिए लाइन में लगे लोगों की डिग्रियां इसी हकीकत को बयां कर रही थीं। भीड़ में बीटेक, एमटेक व इंजीनिय¨रग में डिप्लोमा प्राप्त बेरोजगार नौजवान भी थे। यह स्थिति तब थी, जब नौकरी देने एकमात्र कंपनी आई थी। लाइन में गौहनिया के वेदप्रकाश जैसे नौजवान भी थे। वह मैकेनिकल इंजीनिय¨रग में डिप्लोमा किए हैं। नौकरी की तलाश अभी अधूरी है।

रोजगार मेले में सेल्स एक्जीक्यूटिव पद के साक्षात्कार सुबह दस बजे से होना था, लेकिन सुबह सात बजे से ही बेरोजगारों का जमावड़ा लग गया। दस बजे से साक्षात्कार प्रक्रिया शुरू हुई तो बेरोजगारों की संख्या 750 तक पहुंच गई। इनमें स्नातक डिग्री धारकों की संख्या तो आम थी। लेकिन बीएड, एमएड, एमटेक, बीटेक, डिप्लोमा जैसे प्रोफेशनल डिग्री धारकों की संख्या भी दर्जनों थी। सवाल करने पर एमटेक शिक्षित फाफामऊ के अनिमेष अग्रहरि, बीएड शिक्षित शुभम पाण्डेय, बीटेक किए हुए सोरांव के आदर्श वर्मा का कहना था कि उच्च शिक्षा तो अच्छी नौकरी के लिए अर्जित की है, लेकिन बेरोजगारी उन्हें यहां तक खींच लाई। इस स्थिति के लिए कुछ ने सरकार को जिम्मेदार ठहराया तो कुछ ने पूरे सिस्टम को।

इंसेट)) 38 बेरोजगारों का चयन

सेल्स एक्जीक्यूटिव पद के लिए साक्षात्कार की प्रक्रिया दिन भर चली। इसमें से 38 बेरोजगारों का चयन किया गया, जिन्हें कंपनी नौकरी देगी।

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