सौर ऊर्जा से जगमग होंगी रेलवे क्रासिंग
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : गैर पारंपरिक ऊर्जा के अधिकाधिक दोहन की ओर उत्तर मध्य रेलवे ने भी कदम बढ़
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : गैर पारंपरिक ऊर्जा के अधिकाधिक दोहन की ओर उत्तर मध्य रेलवे ने भी कदम बढ़ा दिए हैं। उसने रेलवे समपारों को सौर ऊर्जा से रोशन करने की योजना बनाई है। ये समपार (रेलवे क्रासिंग) उन रेलपथ पर होंगे जहां बिजली की ट्रेनें नहीं चलती हैं।
ब्रिटिश काल में रेल समपारों की जो व्यवस्था थी उसी व्यवस्था पर समपारों के गेटमैन अभी भी कार्य करते आ रहे हैं। इलाहाबाद मंडल में चुनार से चुर्क एवं नैनी-मानिकपुर सेक्शन के रेलपथ पर बिजली से चलने वाली ट्रेनें नहीं हैं। इनके गेटमैन को अपने केबिन में ढिबरी व लालटेन की रोशनी में कार्य करना पड़ता है या अपने से एलईडी लाइट की व्यवस्था करनी पड़ती है। इन समपारों को जगमग करने की योजना को अमली जामा पहनाने का कार्य शुरू हो गया है। फिलहाल इन दोनों रेल पथों के 40 समपारों को चिह्नित किया गया है जिनको सौर ऊर्जा से जगमग किया जाएगा। यहां 640 वॉट के सोलर फोटो वाल्टाएक मॉड्यूल्स लगाए जाएंगे। साथ ही बैट्री बैकअप भी रखा जाएगा। समपारों के गेट पर सौर ऊर्जा से रोशनी की जाएगी। इससे वाहनों को दूर से ही इन समपारों की जानकारी हो जाएगी। वैसे रेलवे ने पूरे देश में तकरीबन 1000 समपारों में यह व्यवस्था देने की योजना बनाई है।
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गैर पारंपरिक ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर मध्य रेलवे ने भी कार्य शुरू कर दिया है। दूरदराज के इलाकों में बिजली की काफी दिक्कत रहती है। इसलिए इसके जरिए समपारों को रोशन किया जाएगा।
-नवीन बाबू, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर मध्य रेलवे।