UP Board 2021 : अलीगढ़ में दस हजार छात्रों का रुक जाएगा परीक्षा परिणाम, जानिए किससे हुई गलती

माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तरप्रदेश (यूपी बोर्ड) की परीक्षाएं 24 अप्रैल से शुरू होंगी। परीक्षाओं के लिए केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। विद्यार्थियों के पंजीकरण से संबंधित सूचना बोर्ड को भेजी भी जा चुकी है।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Publish:Sat, 13 Feb 2021 01:30 PM (IST) Updated:Sat, 13 Feb 2021 01:30 PM (IST)
UP Board 2021 : अलीगढ़ में दस हजार छात्रों का रुक जाएगा परीक्षा परिणाम, जानिए किससे हुई गलती
माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तरप्रदेश (यूपी बोर्ड) की परीक्षाएं 24 अप्रैल से शुरू होंगी।

अलीगढ़, जेएनएन। माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तरप्रदेश (यूपी बोर्ड) की परीक्षाएं 24 अप्रैल से शुरू होंगी। परीक्षाओं के लिए केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। विद्यार्थियों के पंजीकरण से संबंधित सूचना बोर्ड को भेजी भी जा चुकी है। जिले में ऐसे तमाम कालेज हैं जहां बाहरी जिलों व राज्यों के विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है। कालेजों को केवल 10 हजार बाहरी छात्रों को प्रवेश देने के आदेश हैं। इसके साथ ही उनकी पूरी जानकारी व प्रमाणपत्र भी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में भेजने अनिवार्य हैं। मगर जिले के करीब 10 हजार बाहरी विद्यार्थियों की जानकारी बोर्ड के पास नहीं भेजी गई है। ये विद्यार्थी परीक्षा देंगे, मगर इनका परिणाम जारी होगा या नहीं ये वक्त ही बताएगा।

यह है मामला

माध्यमिक विद्यालयों में 10वीं व 12वीं में प्रवेश पाने वाले जनपद से बाहर के विद्यार्थियों का ब्योरा अफसरों के पास भेजा जाता है। इनके शैक्षिक दस्तावेज व प्रमाणपत्र बोर्ड के पास अफसरों की ओर से भेजे जाते हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार इस साल जिले के करीब 10 हजार बाहरी जिलों के प्रवेशित विद्यार्थियों का डेटा बोर्ड के पास नहीं भेजा गया है। पिछले साल भी ऐसे प्रवेशित 15 हजार बाहरी छात्रों के परिणाम परीक्षा के बाद रोक दिए गए थे। उनका एक साल खराब हो गया था। यह सूचना देने के लिए प्रधानाचार्यों को कई-कई बार पत्र जारी किए जा चुके हैं। बोर्ड के आलाधिकारियों का मानना है कि बाहरी छात्रों को कुछ कालेज संचालक नकल कराकर पास कराने के उद्देश्य से प्रवेश देते हैं। अगर इनके दस्तावेज बोर्ड के पास नहीं होंगे तो इनको फर्जी छात्रों की श्रेणी में रखकर बोर्ड परिणाम रोक देता है। पूर्व के वर्षों में भी बाेर्ड के पास ऐसे विद्यार्थियों की सूचना न पहुंचने से करीब 15 हजार परीक्षार्थियों का परिणाम बोर्ड ने रोक दिया था। इस बार ऐसे छात्रों का परिणाम जारी न हुआ तो कालेज संचालकों पर भी कार्रवाई की जाएगी। कालेज को परीक्षा केंद्र बनने की रेस से तीन साल के लिए डिबार भी किया जाएगा।

मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई भी की जाएगी

डीआइओएस डॉ. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि कई-कई बार चेतावनी देने के बावजूद अगर कोई संस्थान ऐसा सामने आता है कि उसके यहां के बाहरी छात्रों का परिणाम रुका है तो उनके खिलाफ मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई भी की जाएगी। जिले में लगभग सभी संस्थानों से बाहरी छात्रों के प्रवेश के संबंध में सूचना दी जा चुकी है। जिन विद्यालयों के डेटा नहीं मिलेंगे उनके बाहरी छात्रों के आवेदन निरस्त कराकर उनके खिलाफ मान्यता प्रत्याहरण व डिबार की संस्तुति कर दी जाएगी।

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