थप्‍पड़ का बदला लेने के लिए तहेरे भाई ने की थी सूरज की हत्‍या, चारों आरोपितों को आजीवन कारावास

एडीजीसी ने बताया कि सूरज राघव के ताऊ का लड़का है। सूरज ने हत्या की योजना बनाई थी। दरअसल रमाकांत शर्मा ने सासनी में जमीन खरीदी थी। इसमें सूरज के पिता रामप्रताप का भी नाम था। सूरज को गलतफहमी हो गई थी कि जमीन में उसका नाम नहीं है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Tue, 25 Jan 2022 09:16 AM (IST) Updated:Tue, 25 Jan 2022 09:22 AM (IST)
थप्‍पड़ का बदला लेने के लिए तहेरे भाई ने की थी सूरज की हत्‍या, चारों आरोपितों को आजीवन कारावास
कोर्ट ने मडराक क्षेत्र के युवक की हत्या के मामले में चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। एडीजे आठ अशोक भारतेंदु की अदालत ने मडराक क्षेत्र के युवक की हत्या के मामले में चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। चारों पर 19-19 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसमें तहेरे भाई ने जमीन को लेकर हुए विवाद में अपने साथियों के साथ मिलकर युवक की हत्या की थी।

14 अक्‍टूबर 2019 में दर्ज हुआ था मुकदमा

एडीजीसी मेपे सिंह के मुताबिक, मडराक निवासी रमाकांत शर्मा ने 14 अक्टूबर 2019 को मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें कहा था कि उनका 18 वर्षीय बेटा चंद्रमोहन शर्मा उर्फ राघव लैपटाप लेने की बात कहकर घर से निकला था। लेकिन, घर नहीं लौटा। मोबाइल फोन भी बंद है। राघव ने जाते वक्त दो लोगों (किरन गौड़ व बौबी) के नाम भी बताए थे। वहीं एक दुकानदार ने राघव को उन्हीं दो लोगों के साथ जाते भी देखा था। पुलिस ने जांच शुरू की तो कुछ दिनों बाद हरदुआगंज के ऊंटगिरी गांव के जंगल से राघव का शव बरामद हुआ था। मामले में पुलिस ने मडराक निवासी किरन गौड़, बौबी, हरदुआगंज के ऊंटगिरी निवासी संतोष व मडराक निवासी सूरज कुमार शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

सूरज ने बनाई थी हत्‍या की योजना

एडीजीसी ने बताया कि सूरज राघव के ताऊ का लड़का है। सूरज ने हत्या की योजना बनाई थी। दरअसल, रमाकांत शर्मा ने सासनी में जमीन खरीदी थी। इसमें सूरज के पिता रामप्रताप का भी नाम था। लेकिन, सूरज को ये गलतफहमी हो गई थी कि जमीन में उसका नाम नहीं है। इसीलिए उसका सासनीगेट स्थित रमाकांत के होम्योपैथिक क्लीनिक पर विवाद भी हुआ था। इसमें सूरज ने रमाकांत को थप्पड़ मार दिया था। बदले में राघव ने सूरज को चांटा मारा। तभी सूरज ने राघव को जान से मारने की धमकी दी थी। एडीजीसी ने बताया कि चारों लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई थी। अदालत ने सत्र परीक्षण व गवाहों के आधार पर चारों को दोषी करार देते हुए फैसला सुनाया है।

रिकार्ड समय में आया फैसला

खास बात ये है कि फैसला महज 27 महीने 10 दिन में आया है। इसमें अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता मेपे सिंह ने मजबूत तरीके से पैरवी की। अदालत ने भी रिकार्ड समय में कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुई प्रक्रिया पूरी कराई और हत्या जैसे मामले में त्वरित रूप से सजा सुनाई।

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