गैस सिलिंडर में लगी आग से सामान जल कर खाक

चंडौस कस्बे के कसेरु मोड़ स्थित एक ढाबे में प्रयोग होने वाले गैस सिलिंडर के लीक होने से आग लग गई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 01:14 AM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 01:14 AM (IST)
गैस सिलिंडर में लगी आग  
से सामान जल कर खाक
गैस सिलिंडर में लगी आग से सामान जल कर खाक

अलीगढ़: चंडौस कस्बे के कसेरु मोड़ स्थित एक ढाबे में प्रयोग होने वाले गैस सिलिंडर के लीक होने से आग लग गई जिससे कस्बे में अफरा तफरी मच गई। आग से ढाबे में रखा हजारों का समान जल कर राख हो गया।

कस्बे का ही काले खान कशेरु मोड़ पर मुस्लिम ढाबा चलाते हैं। सोमवार सुबह को खाना बनाने के दौरान सिलेंडर में आग लग गयी।आग लगते ही ढाबे का मालिक मौके से भाग गया।आग ने देखते ही देखते भयानक रूप ले लिया जिससे बाजार में अफरा तफरी मच गई। आस पड़ोस के लोगों ने इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दे दी। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड कि टीम में बमुश्किल आग पर काबू पाया जिसके बाद आस पास के लोगों ने राहत कि सांस ली।गनीमत रही कि समय रहते ही आग पर काबू आ लिया गया अगर गैस सिलेंडर फट जाता तो भयानक हादसा होने की संभावना थी। यह ढाबा घनी आबादी बाले क्षेत्र में मौजूद है। गनीमत रही आग वहां खड़े वाहनों तक न पहुंची। वहीं, कस्बे के एजेंसी संचालक कृष्ण कुमार शर्मा का कहना है कि कस्बे में संचालित जकस्बे में बड़ी संख्या में दुकान,होटल,ढाबे में घरेलू सिलेंडर का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही कराई जाएगी। वहीं आग लगने खबर पर चंडौस इंस्पेक्टर विनोद कुमार ने भी मौके पर पहुंच कर जायजा लिया। उन्होंने बताया कि ढाबे के स्वामी के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही करने कि बात कही है।

आग में भूसा बनाने के अवशेष जलकर राख : गभाना क्षेत्र के गांव मोरहना-श्यामपुर गांव में सोमवार दोपहर में अज्ञात कारणों से लगी आग में करीब 60 बीघा भूसा बनाने के अवशेष जलकर राख हो गए। श्यामपुर निवासी किसान संतोष कुमार, धर्मवीर सिंह तथा मोरहना गांव निवासी जयपाल सिंह अपने-अपने खेतों से कंबाइन मशीन से गेहूं की फसल कटवाकर अनाज को घर ले गए थे। तीनों किसानों के खेतों में भूसा बनाने को अवशेष पड़े हुए थे। सोमवार दोपहर में अज्ञात कारणों से अवशेषों में आग लग गई और देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। ग्रामीणों ने अपने-अपने संसाधनों से आग को कड़ी मशक्कत के बाद बुझाया, तब तक तीनों किसानों के करीब 60 बीघा भूसा बनाने के अवशेष जलकर राख हो गए।

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