ये कोरोना है, दुनिया से चला भी जाए लेकिन पीछा नहीं छोड़ेगा Aligarh news
ये तो सच है कि कोई भी वायरस सैकड़ों साल जिंदा रहता है। मगर उसकी दवा या वैकसीन से उसके प्रभाव को खत्म कर उसे आम वायरस बना दिया जाता है। कोरोना वायरस ने भी अपनी भयावहता दिखाते हुए देश व दुनिया में बदलावों का नया अध्याय ही लिख दिया।
अलीगढ़, जेएनएन। ये तो सच है कि कोई भी वायरस सैकड़ों साल जिंदा रहता है। मगर उसकी दवा या वैकसीन से उसके प्रभाव को खत्म कर उसे आम वायरस बना दिया जाता है। कोरोना वायरस ने भी अपनी भयावहता दिखाते हुए देश व दुनिया में बदलावों का नया अध्याय ही लिख दिया है। जाहिर है कि ये भी सैकड़ों साल तक रहेगा। मगर वैकसीन व दवाओं से ये निष्प्रभावी होकर आम जनमानस का पीछा छोड़ भी दे लेकिन एक खास वर्ग का पीछा ये वायरस नहीं छोड़ेगा।
सिलेबस में शामिल होगा कोरोना
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) ने कोेरोना वायरस से संबंधित पढ़ाई को सिलेबस में शामिल करने का फैसला किया है। इसके तहत 11वीं व 12वीं के छात्र-छात्राओं को कोरोना वायरस के संबंध में जानकारीपूर्ण पढ़ाई कराई जाएगी। यह पाठ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी के जरिए पढ़ाया जाएगा। सीबीएसई से जारी सर्कुलर के अनुसार कोविड-19 की पढ़ाई तीनों संकायों यानी साइंस, कामर्स व आर्ट के छात्र-छात्राओं को करनी ही होगी। इस पाठ में विद्यार्थियों काे कोरोना वायरस के लक्षण व इससे बचने के उपायों के बारे में बताया जाएगा। विद्यार्थियों को कोरोना वायरस की चुनौतियों को बेहतर ढंग से समझाने के उद्देश्य से ये पहल की गई है। इसलिए अब पढ़ाई के रूप में कोरोना विद्यार्थियों का पीछा नहीं छोड़ेगा।
जो विद्यालय पंजीकरण कराएंगे उनके यहां होगी पढ़ाई
सीबीएसई आब्जर्वर डा. मंजू गौड़ ने बताया कि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी के लिए स्कूलों को पंजीकरण कराना होगा। बोर्ड की ओर से सभी स्कूलों को सर्कुलर के जरिए जानकारी पहुंच गई होगी। जो विद्यालय पंजीकरण करा लेंगे उनके यहां ही इसकी पढ़ाई शुरू होगी। इसकी शुरुआत नए सत्र यानी 2021 से ही की जानी है। कोरोना काल के चलते पंजीकरण की प्रक्रिया प्रभावित हुई है। कोविड-19 की पढ़ाई में इसकी उत्पत्ति, इसके फैलने व इसको रोकने के तरीके आदि के बारे में बताया जाएगा। इससे किस हद तक दुनिया प्रभावित हुई ये भी बताया जाएगा।