स्मार्ट सिटी : गजब... पाश कालोनियों में तलाश रहे गंदगी, बदहाल पड़ी हैं गलियां Aligarh News
Aligarh Smart Cityसरकारी मिशनरी की कार्य प्रणाली भी गजब है। पाश कालोनियों में ये गंदगी तलाशती है और गली-मोहल्ले इसे दिखाई नहीं देते। सफाई अभियान भी उन्हीं इलाकों में चलता है जहां से किसी रसूखदार की सिफारिश की हो।
अलीगढ़, जेएनएन। सरकारी मिशनरी की कार्य प्रणाली भी गजब है। पाश कालोनियों में ये गंदगी तलाशती है और गली-मोहल्ले इसे दिखाई नहीं देते। सफाई अभियान भी उन्हीं इलाकों में चलता है, जहां से किसी रसूखदार की सिफारिश की हो। मुद्दा सिर्फ सफाई का नहीं, पेयजल आपूर्ति, पथ प्रकाश व्यवस्था का भी है। शहर के पुराने मोहल्ले हों या मलिन बस्तियां, सभी का हाल लगभग एक जैसा ही है। सफाई न होने से नालियां चोक हो जाएं तो गंदा पानी सड़कों पर बहता है। कूड़ा उठाने के लिए सफाई कर्मचारियों की मिन्नतें करनी पड़ती हैं। इसके चलते लोगों को प्राइवेट कर्मचारी लगाने पड़ रहे हैं। जबकि, नगर निगम के पास न कर्मचारियों की कमी है, न संसाधनाे की।
ये हैं गलियों में मौजूदा हालात
शहर में 30 मलिन बस्तियां हैं, जिनकी याद नगर निगम को तब आती है, जब शासन स्तर से कोई स्वच्छता के प्रति जागरुकता का अभियान शुरू होता है। तब अधिकारियों की टीम यहां लाेगों का दुख-दर्द बांटने पहुंचती है। स्वच्छ रहने की नसीहतें देने के अलावा क्षेत्र में नियमित साफ-सफाई कराने का आश्वासन दिया जाता है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में भी नगर निगम ने ऐसा ही किया था। कई बस्तियाें और माेहल्लों में स्वच्छता का अलख जगाया। सर्वेक्षण के परिणाम आए तो अलीगढ़ को प्रदेश में तीसरा और देश में 30वां स्थान मिला। परिणाम जारी होने के बाद अधिकारी इन इलाकों को भूल गए। अब भी यहां वही हालात हैं, जो पहले थे। हल्की बारिश में जलभराव यहां की नियती बन चुकी है। सड़कें पक्की न होने से कीचड़ जमी रहती है। नगला महताब, निशातबाग, नगला मल्लाह, रजा नगर, शाहजमाल, अवतार नगर समेत तमाम इलाकें हैं, जहां लोग समस्या समाधान की मांग हर दूसरे-तीसरे दिन करते हैं। धरना-प्रदर्शन तक हुए, लेकिन समस्याएं जस के तस बनी हुई हैं। यही नहीं, अमृत योजना के तहत वाटर व सीवर लाइन बिछाने का काम और मुसीबतें खड़ी कर रहा है। नई लाइन बिछाने के दौरान कुछ इलाकों में पुरानी वाटर लाइन क्षतिग्रस्त हो गईं, जिन्हें ठीक नहीं कराया गया। मित्रनगर, सरसैयद नगर, होली चौक आदि इलाकों में दूषित पानी की आपूर्ति इसी के चलते हो रही है। विधायकों की सिफारिशें आयीं, तब कुछ एक क्षेत्र में लाइन दुरुस्त हो सकीं।
शिकायत पर तत्काल कार्रवाई
शहर की मलिन बस्ती, गली-मोहल्लों से मिल रहीं शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई कराई जा रही है। क्षेत्रीय पार्षदों के साथ मिनी बोर्ड बैठकें नियमित हो रही हैं। इन बैठकों में क्षेत्रीय समस्याओं की जानकारी लेकर संबंधित विभाग से निस्तारण कराया जा रहा है।
प्रेम रंजन सिंह, नगर आयुक्त