अलीगढ़ में अब प्रवेश देने में आनाकानी पर जा सकती है निजी स्कूलों की मान्यता

बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से आरटीई के तहत मिलने वाले दाखिलों की ली जाएगी रिपोर्ट।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 Jan 2022 07:13 PM (IST) Updated:Mon, 10 Jan 2022 07:13 PM (IST)
अलीगढ़ में अब प्रवेश देने में आनाकानी पर जा सकती है निजी स्कूलों की मान्यता
अलीगढ़ में अब प्रवेश देने में आनाकानी पर जा सकती है निजी स्कूलों की मान्यता

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत आरक्षित सीटों पर जरूरतमंद बच्चों को प्रवेश देने में आनाकानी करना स्कूल संचालकों को भारी पड़ सकता है। ऐसे संस्थानों के खिलाफ मान्यता प्रत्याहरण तक की कार्रवाई की जा सकती है। अब बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से आरटीई के तहत मिलने वाले दाखिलों की सूची तैयार की जाएगी।

शासन की ओर से शिक्षाधिकारियों को कड़ी चेतावनी जारी करते हुए कहा गया है कि जो सीबीएसई व आइसीएसई से संबद्ध स्कूल दुर्बल वर्ग के बच्चों को अपने यहां आरटीई के तहत प्रवेश नहीं दे रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। कुछ अभिभावकों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की थी कि उनके बच्चे को दाखिला देने के नाम पर स्कूल संचालक आनाकानी कर रहे हैं। सूची में बच्चे का नाम होने के बावजूद कोई कह रहा है कि उनके यहां जगह नहीं है तो कोई कहता है कि घर से विद्यालय की दूरी तय मानकों से ज्यादा है। ऐसे में अब शिक्षा विभाग के अधिकारी हर विद्यालय की आरक्षित सीटों का ब्योरा लेंगे। साथ ही दूरी के नाम पर घालमेल करने वालों को भी चिह्नित कार कार्रवाई की जाएगी। बीएसए सतेंद्र कुमार ढाका ने बताया कि शासन के निर्देशों का पालन किया जाएगा। दाखिला देने से मना करने वालों पर मान्यता प्रत्याहरण तक की कार्रवाई की जा सकती है।

संविधान में शिक्षा के अधिकार का प्रविधान किया गया है, जिसके तहत निजी स्कूलों को 25 प्रतिशत गरीब बच्चों को प्रवेश देना जरूरी है, मगर तमाम विद्यालय इस नियम का पालन नहीं करते हैं। वे तमाम तरह के शुल्कों के नाम अपनी जेब भरकर संपन्न परिवारों के बच्चों को दाखिला दे देते हैं, जिसकी वजह से गरीब जरूरतमंद बच्चे पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं। विद्यालयों की इस मनमानी पर नकेल कसने के लिए अब सख्ती की जा रही है।

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