Navratri 2020:नवरात्र की तैयारियों से बाजारों में लौटी रौनक, बढ़ गए खाद्य सामग्री के दाम

व्रत के दौरान इस्तेमाल होने वाली खाद्य सामग्री के लिए बाजार में खरीदारी शुरू हो गई है। बाजारों में ग्राहकों के चलते रौनक दिखने लगी है। पितृ पक्ष व अधिक मास के बाद दुकानदारों को भी अब बाजार के पटरी पर लौटने उम्मीद दिखने लगी है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Publish:Thu, 15 Oct 2020 08:10 PM (IST) Updated:Thu, 15 Oct 2020 08:10 PM (IST)
Navratri 2020:नवरात्र की तैयारियों से बाजारों में लौटी रौनक, बढ़ गए खाद्य सामग्री के दाम
बाजारों में ग्राहकों के चलते रौनक दिखने लगी है।

हाथरस,जेएनएन: नवरात्र की तैयारियां शुरू हो गई हैं। पूजा-अर्चना के सामान के साथ व व्रत के दौरान इस्तेमाल होने वाली खाद्य सामग्री के लिए बाजार में खरीदारी शुरू हो गई है। बाजारों में ग्राहकों के चलते रौनक दिखने लगी है। पितृ पक्ष व अधिक मास के बाद दुकानदारों को भी अब बाजार के पटरी पर लौटने उम्मीद दिखने लगी है। 

ग्राहकों की भीड़ से रौनक

17 अक्टूबर से शुरू हो रहे नवरात्र के लिए तैयारियों में लोग जुट गए हैं। माता की मूर्ति, चुनरी, पोशाक के अलावा व्रत के सामान दुकानों में सज गए हैैं। शहर के कमला बाजार, बागला मार्ग, रामलीला ग्राउंड, घंटाघर आदि बाजारों में ग्राहकों की भीड़ से रौनक दिखने लगी है।

व्रत के सामान पर महंगाई का साया

व्रत में लिए जाने वाले आहार के लिए बाजार में उपलब्ध सामग्री की कीमतों भी इस बार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। जो इस प्रकार हैं। 

कीमतें रुपये प्रति किलोग्राम में  

सामान, पहले, अब

लौंग, 650,700

काली मिर्च, 550, 600

कपूर, 750, 800

ङ्क्षसदूर, 300, 300

रोली, 300, 350

धूप, 60, 70

कूटू का आटा, 75, 80

समा चावल, 70, 80

बतासे, 55, 60

बाजार में नवरात्र रा सामान खरीदने आए हैं। व्रत में अल्पाहर की सामग्री बनाने का सामान पिछले साल की अपेक्षा महंगा है। आलू भी काफी महंगा मिल रहा है। 

-राधेश्याम, श्रद्धालु

इस बार पितृ पक्ष व अधिक मास के चलते बाजार काफी सुस्त रहा है। ग्राहकों के लिए दुकानदार तरस रहे थे। नवरात्र को लेकर काफी तैयारी की है। ग्राहकों के आने से राहत मिली है। 

- दिनेश कुमार, दुकानदार

पूजा के साथ अल्पाहार में प्रयोग होने वाला कूटू का आटा, समा के चावल आदि सामग्री इस समय बिक रही है। अब ग्राहकों की संख्या बढऩे से बाजार में रौनक दिख रही है।

-रामगोपाल, दुकानदार 

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